वहीं सरपंच द्वारा सीआर पति समेत ग्रामीणों पर विकास कार्य रुकवाने एवं अपमानित करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाने से ग्रामीण आक्रोशित है। बुधवार को अधिकारियों को झूठी शिकायत देकर मुकदमें दर्ज कराने पर ग्रामीणों ने उपखण्ड अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा है।
नासिरदा सरपंच किरण देवी सांसी के द्वारा कलक्टर तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा था, जिस पर पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किया है। ज्ञापन में ग्रामीणों ने सरपंच किरण देवी सांसी जो आरोप लगाया उस कार्य में पंचायत समिति की तीन सदस्य जांच कमेटी में जांच करके वर्णित कार्य में सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी को पूर्णतया दोषी माना गया है ।
ग्रामीणों ने 12 अप्रेल को इस कार्य में हुई अनियमितता, गबन व भ्रष्टाचार के संबंध में शिकायत देकर जांच करवाने की मांग की थी। पंचायत द्वारा कार्य के बदले 25 मार्च को ही भुगतान कर दिया गया, लेकिन उस दिन तक कोई भी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ था। ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि उक्त कार्य में शिकायत करने के बाद आनन - फानन में पंचायत प्रशासन ने 1 मई को सामग्री डलवा कर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया।
3 मई को जेईएन देवली ने भी मौके स्थल पर पहुंचकर कार्य बंद करने का आदेश दिया था। ग्रामीणों ने नासिरदा सरपंच द्वारा झूठे आरोपों को लगाने के लिए पाबंद किए जाने की मांग की है। ज्ञापन देने में महेंद्र मीणा, महादेव, महेश, शंकर, मुकेश, आशीष, मनीष, बनवारी, रामदेव, अनुराग, रामराज, हेमराज आदि शामिल रहे।