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पंचायतराज चुनाव: बीस सल से नही बनी सडक़ , ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का लिया निर्णय

locationटोंकPublished: Nov 27, 2020 04:24:59 pm

Submitted by:

pawan sharma

पंचायतराज चुनाव: बीस सल से नही बनी सडक़ , ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का लिया निर्णय
 

पंचायतराज चुनाव: बीस सल से नही बनी सडक़ , ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का लिया निर्णय

पंचायतराज चुनाव: बीस सल से नही बनी सडक़ , ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का लिया निर्णय

दूनी. दूनी तहसील के देवड़ावास पंचायत क्षेत्र के सरकावास ग्रामीणों ने कई सालों से चली आ रही राष्ट्रीय राजमार्ग तक सडक़ निर्माण की मांग पुरी नहीं होने पर बनी नाराजगी के बाद देवड़ावास उपसरपंच ज्ञानचंद के निर्देशन में लामबंद हो आगामी पंचायतराज के जिला परिषद एवं पंचायत समिति चुनावों का बहिष्कार कर मतदान नहीं करने का निर्णय लेकर सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।

इसके बाद दूनी तहसीलदार के नाम कार्मिक को ज्ञापन देकर निर्णय से अवगत करवाया है। उल्लेखनीय है कि सुबह सरकावास के मुख्य चौराहे पर सरकार की जारी गाइडलाइन पालना के साथ उपसरपंच गुर्जर के निर्देशन में एकत्रित हुए महिला, पुरूषों एवं युवाओं ने एक राय में गावं से राष्ट्रीय राजमार्ग तक दो किलोमीटर तक सडक़ नहीं बनने तक पंचायतराज चुनावों का बहिष्कार कर मतदान नहीं करने का निर्णय लेकर सरकार एवं जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर सोशल डिस्टेंस के साथ दूनी तहसील कार्यालय जा तहसीलदार विनिता स्वामी की अनुपस्थिति में कार्मिक को ज्ञापन देकर निर्णय से अवगत करवाया।
वही इससे पूर्व मंगलवार को ग्रामीणों ने अतिरिक्त जिला कलक्टर टोंक सुखराम खोखर को ज्ञापन देकर चुनाव बहिष्कार व मतदान नहीं करने का ज्ञापन दिया था। गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 52 से सरकावास गांव मात्र दो किलोमीटर है। उक्त दो किलोमीटर मार्ग कई वर्षों से क्षतिग्रस्त है।
बीस साल में 59 पत्र लिख चुके ग्रामीण
उपसरपंच ज्ञानचंद गुर्जर सहित ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के बाद से ही गांव में सडक़ का निर्माण नहीं हुआ, हर सरकार के शासनकान में जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन एवं पत्र देकर सडक़ निर्माण की मांग की गई, लेकिन आज तक सडक़ नहीं बन पाई। उन्होंने बताया कि ग्रामीण करीब बीस सालों से सरपंच से मुख्यमंत्री व स्थानीय से लेकर उच्चाधिकारियों तक करीब 59 पत्र लिखकर सडक़ निर्माण की मांग कर चुके है।
डामरीकरण से कुछ कम नहीं

सरकार एवं प्रशासन की अनदेखी के चलते कई सालों से सडक़ नहीं बनने से ग्रामीणों, विद्यार्थियों, मरीजों, प्रसूताओं सहित वृद्धजनों को परेशान होना पड़ रहा था, ग्रेवल गांव की समस्या का हल नहीं है डज्ञमरीकरण का आश्वासन के बाद मतदान करने का निर्णय लिया जाएंगा।
ज्ञानचंद गुर्जर, उपसरपंच, देवड़ावास

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