औझापुरा के ग्रामीणों ने बताया कि बस्सी पंचायत के औझापुरा तन में चरागाह भूमि स्थित है। जहां पर पंचायत की ओर से पौधरोपण किया जाना था। शनिवार को मनरेगा के तहत ग्रामीण श्रमिक पौधों के साथ चरागाह भूमि पर पौधे लगाने पहुंचे। जहां पर अतिक्रमियों के विरोध व झगड़े पर उतारू होने पर उन्हें बैरंग लौटना पड़ा।
नाराज महिला व पुरुष श्रमिक ट्रैक्टर में पौधों के साथ उपखण्ड मुख्यालय पहुंच गए, जहां जयपुर रोड स्थित चुंगी नाके पर जाम लगा दिया। किसान नेता रतन खोखर के नेतृत्व में ग्रामीण महिला-पुरुषों की ओर से विधायक आवास के निकट मुख्य मार्ग पर जाम लगाने से दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई।
ग्रामीणों ने बताया कि एक सप्ताह पहले उपखण्ड प्रशासन को अवगत कराया था कि चरागाह भूमि पर नामजद प्रभावशाली लोगो ने कब्जा कर ज्वार व तिल की फसल बुवाई कर दी। उक्त बुवाई को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है।
स्थिति यह है सरकारी भूमि पर अतिक्रमण से मार्ग अवरुद्ध होने के साथ ग्रामीण पशुपालकों के सामने मेवेशी चराने का संकट पैदा हो गया है। ग्रामीणों ने मौके पर फसल नष्ट कर अतिक्रमियों की बेदखली की कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी।
करीब पौन घंटे बाद सीआई राजमल खींची मय पुलिस जाप्ते के मौके पर पहुंचे तथा ग्रामीणों की समझाइश कर जाम खुलवाया। उन्होंने कार्यवाह उपखण्ड अधिकारी के समक्ष वार्ता कर अतिक्रमण हटाने तथा पौधरोपण की कार्रवाई की जाएगी।
ढाई सौ बीघा चरागाह भूमि पर अतिक्रमण
टोडारायसिंह. भासू क्षेत्र स्थित करीब ढ़ाई सौ बीघा चारागाह भूमि पर अतिक्रमण को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है। उन्होंने अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर कार्यवाह उपखण्ड अधिकारी कपिल शर्मा को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया कि भासू पंचायत क्षेत्र में सैकड़ों बीघा चारागाह भूमि स्थित है। अधिकांश भूमि बीसलपुर डूब क्षेत्र अन्तर्गत है। इसमें करीब ढाई सौ बीघा भूमि गांव किनारे स्थित है, जिस पर भी गांव के कुछ लोग कब्जा कर काश्त कर रहे है। स्थिति यह है कि अतिक्रमण के कारण पशुपालको के सामने पशुओं को चराने का संकट मंडराने लगा है। उक्त भूमि पर पशु चराने पर अतिक्रमी लड़ाई झगड़ा करने पर उतारू हो जाते है। उन्होंने अतिक्रमियों को बेदखल करने की मांग की है।