टोंक

मतदाताओं ने पहले किया बहिष्कार, फिर समझाइश के बाद डाले वोट

राजमहल पंचायत के भाग संख्या 25 स्थित बीसलपुर बांध की वर्कचार्ज कॉलोनी में लोगों ने मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने से नाराज होकर मतदान का बहिष्कार कर दिया। जिला कलक्टर टोंक के निर्देश पर उपखंड अधिकारी ने ग्रामीणों से समझाइश कर मतदान करने का आग्रह किया। मगर ग्रामीणों का मतदान बहिष्कार जारी रहा। लंकिन दुबारा वार्ता […]

टोंकApr 27, 2024 / 05:13 pm

pawan sharma

बीसलपुर बांध की वर्कचार्ज कॉलोनी में मतदान का बहिष्कार कर खड़े ग्रामीण

राजमहल पंचायत के भाग संख्या 25 स्थित बीसलपुर बांध की वर्कचार्ज कॉलोनी में लोगों ने मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने से नाराज होकर मतदान का बहिष्कार कर दिया। जिला कलक्टर टोंक के निर्देश पर उपखंड अधिकारी ने ग्रामीणों से समझाइश कर मतदान करने का आग्रह किया। मगर ग्रामीणों का मतदान बहिष्कार जारी रहा। लंकिन दुबारा वार्ता के बाद ग्रामीणों ने मतदान में हिस्सा लिया।
राजमहल पंचायत के भाग संख्या 25 स्थित बीसलपुर बांध की वर्कचार्ज कॉलोनी प्रथम में रह रहे लोगों ने मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने से नाराज होकर शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के मतदान का पहले बहिष्कार कर दिया। लोकतंत्र के उत्सव के दिन पोलिंग बूथ पर मतदाताओं का सन्नाटा पसरा रहा।
जिला कलेक्टर टोंक के निर्देश पर किसान महापंचायत के पदाधिकारी बीसलपुर पहुंचे। जहां एक घंटे ग्रामीणों व पदाधिकारियों के बीच चली वार्ता के बाद शाम 5 बजे मतदान शुरू हुआ।बीसलपुर बांध पर स्थित पोलिंग बूथ पर शाम छह बजे तक 25 प्रतिशत ही मतदान हुआ।
उपखंड अधिकारी ने की समझाइश

बीसलपुर में मतदान बहिष्कार की सूचना पर शुक्रवार सुबह उपखंड अधिकारी देवली दुर्गा प्रसाद मीणा बीसलपुर स्थित भाग संख्या 25 के बूथ पर पहुंचे। जहां पोङ्क्षलग पार्टी से मतदान की जानकारी ली। वहीं एक भी मत नहीं डलने से उपखंड अधिकारी ने ग्रामीणों से समझाइश कर मतदान करने का आग्रह किया। मगर ग्रामीणों का मतदान बहिष्कार जारी रहा। बाद में दुबारा वार्ता के बाद ये माने।
278 मतदाता 70 परिवार

बीसलपुर के ग्रामीण कन्हैया लाल माली, प्रधान प्रजापत, छीतर कीर, रामकिशन माली, चकोला देवी,संतरा देवी ने बताया कि बांध बनने के बाद से ही करीब 60 से 70 परिवार बांध के जलभराव किनारे वर्कचार्ज कॉलोनी प्रथम में रह रहे हैं। जो मजदूरी कर जीवन यापन करते आ रहे हैं। जहां कुल 278 मतदाता निवास करते हैं।
प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से बार-बार बिजली, पानी, सडक़, आंगनबाड़ी, विद्यालय आदि मूलभूत सुविधाओं की मांग करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिससे लोगों को चिमनी की रोशनी में रात गुजारनी पड़ती है। बांध के जल भराव से खुला पानी लाकर प्यास बुझानी पड़ती है। बालकों को तीन किमी दूर विद्यालय जाना पड़ता है। आंगनबाड़ी केंद्र के अभाव में नौनिहालों को पोषाहार तक नहीं मिलता है।

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