इससे शहर के विभिन्न वार्डों में भीषण जलसंकट उत्पन्न हो गया है। शहर में लगे हैडपंपों पर दिन भर पानी भरने वाले देखे जा सकते हैं, लेकिन यह सब देखकर भी जलदाय विभाग अभी हरकत में नहीं आया है। कायस्थ मोहल्ले में बनी पानी की टंकी से लगातार एक वर्ष से व्यर्थ बह रहे पानी को लेकर मोहल्ले वासियों ने जलदाय विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को कई बार अवगत कराने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं की गई।
इससे सरकार के पानी की बूंद-बूंद बचाने का संकल्प महज औपचारिक बन रहकर गया है। सूत्रों ने बताया कि 20 नवम्बर 2012 को पुराने शहर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जल संकट से निजात दिलाने तथा पीने के पानी के लिए बनाई गई टंकी का लोकार्पण किया गया था।
टंकी को बीसलपुर पेयजल परियोजना से जोडकऱ शहरवासियों को पेयजल संकट से छुटकारा दिलवाया गया था, लेकिन जलदाय विभाग ने समय समय पर टंकी की सही तरह से देखभाल नहीं करने से करीब एक वर्ष से क्षतिग्रस्त है। टंकी क्षतिग्रस्त होने से चारों ओर से पानी तेजी से रिसाव कर रहा है।
रिसाव पर ध्यान नहीं देने से टंकी में बड़े सुराख हो जाने से टंकी से व्यर्थ पानी बह रहा है, लेकिन विभाग के अभियंता जानकर भी अंजान बने हुए और पीने का पानी व्यर्थ बह रहा। इन दिनों भीषण गर्मी में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पेयजल संकट बना हुआ है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
पानी की टंकी के साथ साथ कई पेयजल सप्लाई पाइपलाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई, जिसे ठीक करवाने से पानी नालियों में बेकार ही बह रहा है। इधर, जलदाय विभाग के सहायक अभियंता नितिन जैन का कहना है कि टंकी की मरम्मत के लिए प्रस्ताव बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दिया है।
जल्द स्वीकृति मिलते ही टंकी की मरम्मत करा दी जाएगी। शहर में ऊंचाई वाले क्षेत्र में ट्यूबवेल में पानी नीचे चले जाने से जलापूर्ति 48 घंटे की गई है। पहाड़ की तलहटी में लगे सभी ट्यूबवैलों को एक-दो दिन में गहरा करवाकर पहले की भांति 24 घंटे में पेयजल सप्लाई कर दी जाएगी।