scriptतीन नदियों के संगम पर स्थित मांसी बांध से सिंचाई के लिए नहरों में छोड़ा पानी, 6985 हैक्टेयर जमीन पर रबी की फसल में होगी सिंचाई | Water left in canals for irrigation from Mansi dam | Patrika News

तीन नदियों के संगम पर स्थित मांसी बांध से सिंचाई के लिए नहरों में छोड़ा पानी, 6985 हैक्टेयर जमीन पर रबी की फसल में होगी सिंचाई

locationटोंकPublished: Nov 08, 2019 09:58:50 am

Submitted by:

pawan sharma

तीन नदियों के संगम पर स्थित मांसी बांध की मोरी से गुरुवार सुबह नहर में पानी छोड़ा गया तो क्षेत्र के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई।

तीन नदियों के संगम पर स्थित मांसी बांध से सिंचाई के लिए नहरों में छोड़ा पानी, 6985 हैक्टेयर जमीन पर रबी की फसल में होगी सिंचाई

तीन नदियों के संगम पर स्थित मांसी बांध से सिंचाई के लिए नहरों में छोड़ा पानी, 6985 हैक्टेयर जमीन पर रबी की फसल में होगी सिंचाई

पीपलू (रा.क.). तीन नदियों के संगम पर स्थित मांसी बांध की मोरी से गुरुवार सुबह नहर में पानी छोड़ा गया तो क्षेत्र के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई। जलसंसाधान विभाग के सहायक अभियंता अशोक कुमार जैन ने बताया कि गुरुवार सुबह 10.15 बजे पीपलू ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रामगोपाल मीणा, सलीम देशवाली, पूर्व सरपंच लोहरवाड़ा भागीरथ चौधरी, नहर संगम समिति अध्यक्ष रतनलाल चौधरी, सलीम देशवाली, जेईएन मुकेश गुर्जर, रामफूल गुर्जर, जल संसाधन कर्मचारी महावीर सिंह, रामेश्वर शर्मा ने विधिवत पूजा अर्चना कर मोरी के वॉल्व खोलते हुए मुख्य नहर में पानी छोड़ा।
इस दौरान ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रामगोपाल मीणा ने किसानों को जल का समुचित उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इस बार बांध में भरपूर पानी हैं। ऐसे में टेल तक के किसानों को पानी मिलना चाहिए। इसके लिए सभी किसानों को आपसी समन्वय रखते हुए टेल तक पानी पहुंचाने में सहयोग करना हैं।

6 98 5 हैक्टेयर भूमि होगी सिंचित
एईएन अशोक कुमार जैन ने बताया कि माशी बांध में भराव क्षमता 10 फीट के मुकाबले वर्तमान में 9 फीट पानी है, जिसमें 1550 कुल एमसीएफटी मौजूद पानी में से सिंचाई के लिए 1090 एमसीएफटी पानी छोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि नहर से क्षेत्र के 29 गांवों के कमाण्ड क्षेत्र की 698 5 हैक्टेयर भूमि सिंचित हो सकेगी।
एईएन ने बताया कि नहर का पानी टेल तक पहुंचने में 3 दिन का समय लगेगा। इस दौरान कोई भी माइनर नहीं खोली जाएगी। जैसे ही पानी टेल तक पहुंच जाएगा इसके बाद माइनरों को खोल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नहरों पर देखभाल को लेकर जल संसाधन विभाग के 5 कर्मचारी लगाए गए है। नहर के वॉल्स को शुरुआत में 2 फीट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा हैं, जिसे धीरे-धीरे पानी के आगे बढऩे पर बढ़ाकर 4 फीट तक खोल दिया जाएगा।

वर्ष 2011 के बाद किसानों को मिलेगा लाभ
माशी बांध से वर्ष 2011 के बाद इस बार अपनी पूर्ण भराव क्षमता को छू गया। ऐसे में 8 साल बाद इस बार किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सकेगा। माशी बांध से पीपलू क्षेत्र में गहलोद तक 42.18 किलोमीटर लम्बी मुख्य नहर व 9 वितरिकाएं बनी हुई है जिनकी लंबाई 28 .6 5 किमी हैं। इससे क्षेत्र की 6 98 5 हैक्टेयर जमीन पर रबी की फसल में सिंचाई होगी।


loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो