साथ ही बारिश के बाद घाड़-दूनी मार्ग पर कई घंटों तक आवागमन बंद रहा वही चंदवाड़ तालाब की पाळ में रिसाव की सुचना पर पहुंचे प्रशासन ने जेसीबी मशीन से मिट्टी डलवा पाळ की मरम्मत कराई। उल्लेखनीय है की सुबह से करीब दो घंटे तक चली मुसलाधार बारिश से गली-मोहल्लें की सडक़े, नाले सहित चोराहे पर पानी ही पानी हो गया।
read more: बारिश का कहर, खाल में पानी से आने से कटा सम्पर्क, पांच दर्जन बच्चों को स्कूल में गुजारनी पड़ेगी रात बड़ोली गांव में कई मकानों में पानी घुस गया इससे राजूलाल चोपदार व छोटूलाल चोपदार का कच्चा मकान ढह गया। मकान ढहने के दौरान मौजूद महिला व बच्चों ने भागकर अपनी जान बचाई। वही घाड़ के खाळ उफान पर आने से घाड़-दूनी मार्ग पर कई घंटों तक आवागमन बंद रहा।
वही बारिश के बाद घाड़-धुवांखुर्द मार्ग स्थित हरना पुलिया पर भी पानी की अधिक आवक होने से आवागमन बंद रहा। इधर धुवांकला के मोतीसागर बांध की चादर पुन: चलने लगी तो इधर दूनी सागर भी लबालब होकर छलकने को बैताब नजर आया।
read more: बीसलपुर डूब क्षेत्र में घुसा बनास का पानी, मूसलाधार बारिश से तरबतर हुआ शहर दो घंटे से अधिक समय तक बारिश हुईटोंक. जिला मुख्यालय सहित सम्पूर्ण जिले में शुक्रवार हुई मुसलाधार बारिश ने जिले को तरबतर कर दिया वही हुई बारिश के बाद गांवों-कस्बों की सडक़ो ने तलैया तो नालों ने दरिया का रूप ले लिया। वही पानी भरने से खेत जलमग्न हो गए इससे फसलों में भारी नुकसानका खतरा बना हुआ है।
उल्लेखनीय है की सुबह मध्यम दर्जे से शुरू हुई बारिश ने अचानक तेज मुसलाधार बारिस का रूप ले लिया ओर करीब दो घंटे से अधिक समय तक बारिश हुई। इससे शहर की सडक़े व नाले उफान पर आ गए। साथ ही जिले के कई गांवों में घरों में पानी भरने से लोगों को परेशान होना पड़ा तो कई कच्चे मकान धराशायी हो गए।
वही बारिश के बाद खेत जलमग्न हो गए इससे फसलों में नुकसान होने की संभावना को लेकर किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच गई। हालांकि गुरुवार शाम से मध्यम दर्जे की बारिश शुरू हुई जो रात भर चली इससे कई दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी-उमस से लोगों को राहत मिली।