scriptबीसलपुर बांध से नहरों में घटाया सिंचाई के लिए छोड़ा पानी ,बाई मुख्य नहर बंद होने के कगार पर | Water released for irrigation in the canals from Bisalpur dam | Patrika News

बीसलपुर बांध से नहरों में घटाया सिंचाई के लिए छोड़ा पानी ,बाई मुख्य नहर बंद होने के कगार पर

locationटोंकPublished: Jan 17, 2020 09:03:33 am

Submitted by:

pawan sharma

बारिश से खेतों में सिंचाई के लिए किसानों की ओर से पानी की मांग घटने पर बीसलपुर बांध परियोजना ने बांध की बायीं मुख्य नहर में सिंचाई के लिए छोड़ा जा रहा पानी कम कर दिया है। वही दायीं मुख्य नहर में छोड़ा जा रहे पानी की मात्रा को घटा दिया गया है।

बीसलपुर बांध से नहरों में घटाया सिंचाई के लिए छोड़ा पानी ,बाई मुख्य नहर बंद होने के कगार पर

बीसलपुर बांध से नहरों में घटाया सिंचाई के लिए छोड़ा पानी ,बाई मुख्य नहर बंद होने के कगार पर

राजमहल. कस्बे सहित आस-पास के क्षेत्र में बुधवार शाम को हुई बारिश से खेतों में सिंचाई के लिए किसानों की ओर से पानी की मांग घटने पर बीसलपुर बांध परियोजना ने बांध की बायीं मुख्य नहर में सिंचाई के लिए छोड़ा जा रहा पानी कम कर दिया है। वही दायीं मुख्य नहर में छोड़ा जा रहे पानी की मात्रा को घटा दिया गया है।
बीसलपुर बांध परियोजना के अधिशासी अभियंता आरसी कटारा ने बताया कि जिले में बुधवार को हुई बारिश के साथ ही सरसों व चने की फसल में सिंचाई का कार्य लगभग पूर्ण होने के कगार पर है। वहीं गेहूं की फसल में तीसरी बार सिंचाई का पानी छोड़ दिया गया है।
इसी के साथ जिले में हुई बारिश को लेकर किसानों की ओर से फिलहाल पानी की मांग घटने के कारण बीसलपुर बांध की दायीं मुख्य नहर में पानी की मात्रा घटाकर महज 20 क्यूसेक कर देने के कारण नहर का पानी लगभग बंद होने के कगार पर है। इधर, बांध परियोजना के सहायक अभियंता ब्रह्मानंद बैरवा ने बताया कि बांध की दायीं मुख्य नहर में पानी छोडऩे की क्षमता 750 क्यूसेक है, जिसे कम करते हुए बुधवार रात को 325 क्यूसेक रख दिया गया है।

तालाब की पाळ से हटाया जूलीफ्लोरा
पीपलू (रा.क.). कड़ाके की ठंड के बीच पहल युवा संगठन ने तालाब के पाल पर उगे विलायती बबूल जूलीफ्लोरा को काटते हुए उनको जलाकर नष्ट किया हैं। पहल युवा संगठन पीपलू से जुड़े प्रशान्त शर्मा, बंटी विजयवर्गीय, नाथू नागरवाल, कंवरपाल बिधूड़ी, दीपक जोशी, संजय बैरवा, विशाल बैरवा, भागचंद सैनी, कमलेश चंदेल, अंकित विजयवर्गीय, गोविन्द आचार्य, लेखराज चंदेल, मंगलराम बैरवा, लोकेश नामा, राकेश सैनी, मानप्रकाश सैनी, धर्मराज चौधरी, फरियाद खान, रामदेव सैनी आदि ने कुल्हाड़ी, फावड़ा, परात आदि के साथ विलायती बबून को काटकर नष्ट किया हैं। करीब 3 घंटे तक चले अभियान में संगठन से जुड़े युवाओं ने स्नान घाट से काला भाटा घाट तक जाने वाले पाळ के रास्ते पर उगे विलायती बबूलों को हटाकर रास्ता साफ किया। संगठन द्वारा यह अभियान जारी रहेगा।
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