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video: अमृत पी हुए निहाल-पौधों में लौटी बहार, ग्रामीणों ने खाद-पानी देने के साथ सुरक्षा के किए बन्दोबस्त

locationटोंकPublished: Mar 25, 2019 02:57:45 pm

Submitted by:

pawan sharma

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water-saved-from-yellowing-water-from-private-tankers

video: अमृत पी हुए निहाल-पौधों में लौटी बहार, ग्रामीणों ने खाद-पानी देने के साथ सुरक्षा के किए बन्दोबस्त

आवां. पौधारोपण करना बड़ा कार्य है, उससे भी बढकऱ काम इनकी देखभाल और उनका संरक्षण करना है। पर्यावरण सन्तुलन और शुद्ध वातावरण के लिए आवां में हुई इस पहल से सडक़ किनारे अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे सैकड़ों पौधों को अमृत पिलाने से इनमे फिर से बहार लौट आई है।
इनमें नव अंकुरण होने के साथ हरियाली फूट पड़ी है। पौधों को बचाने के लिए ग्राम पंचायत सरपंच राधेश्याम चन्देल की अगुवाई में गठित टीम एक पखवाड़े से जुटी हुई है। कस्बे के कुओं के सूखने से ये निजी खर्च से महंगे भाव के टैंकर खरीद कर इन्हे सींच रही हैं।
खुदाई कर खाद, पानी देने के साथ कंटीली झाडिय़ां लगाकर सुरक्षा के बन्दोबस्त करने का श्रमदान लगातार भी किया जा रहा है। सरपंच ने बताया अब घाटी के देवनारायण से बस स्टैण्ड तक डिवाइडर के बीच लगे पौधों में हरियाली आने लगी है।
राजस्थान पत्रिका ने 16 मार्च के अंक में कुएं सूखे तो पानी खरीद कर बचा रहे हैं पौधे शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर सामाजिक सरोकार की भूमिका निभाने के साथ युवाओं मे जोश और उत्साह जगाया था।
गौरतलब है कि विगत छह माह पूर्व आवां-दूनी मार्ग, चांदली सडक़ और सुदर्शनोदय तीर्थ के रास्ते में रौंपे बरगद, पीपल, नीम, शीशम, गुलमोहर, अर्जुन सहित 14 प्रकार की किस्मों के पांच फीट से भी अधिक लम्बे 2100 से अधिक पौधे रोंपे गए थे। इनमें से सैकड़ों पौधे पानी के अभाव में सूख गए थे।

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