पानी निकासी के लिए बना नाला भी अतिक्रमण की चपेट में आ रहा है। साथ ही सफाई नही होने के कारण नाला भी कई जगहों कचरे से भरा पड़ा है। नाले के पास थडिय़ां लगाकर अपना जीवन यापन करने वालों का गंदे पानी से उठने वाली दुर्गंध के कारण बैठना दुश्वार हो रहा है। यहां तक कि गई बार तो सामान लेने आने वाले ग्राहक भी दूषित वातावरण के कारण बिना सामान लिए ही ओग चले जाते है। इस जमा गंदे पानी लोग कचरा भी डाल रहे है।
मच्छर व अन्य कीटाणु पनपने के कारण बीमारियों का अंदेशा भी बना हुआ है। बरसात के वक्त तो भूखण्ड में भरा पानी मकानों में घुस जाता है, जिससे बाड़ के हालात हो जाते है। बमोर रोड के समीप थड़ी पर बैठने वाले दुकानदारों को भी काफ ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिससे रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो जाती है। यह समस्या अभी की नहीं है बल्कि कई वर्षों से चली आ रही है, लेकिन अभी तक श्किायतोंं के बाद भी कोई सुनवाई नही हो रही है।
बंद हुए सर्कल के म्यूजिकल फव्वारें
टोंक. शहर सौन्दर्यकरण को लेकर नगर परिषद की ओर से पटेल सर्कल पर 49 लाख रुपए खर्च कर विभिन्न कार्य करवाएं थे। इसमें म्यूजिकल फाउंटेन रंग-बिरंगी लाइट, धौलपुर स्टोन की जालियां, पेड़-पौधे आदि शामिल थे। पार्क का सौन्दर्यकरण होने के बाद इसको देखने के लिए शहर के लोगों को शाम को जमावड़ा लगा रहता था। लोग यहां रात के के दृश्य मोबाइल में कैद करने को आतुर रहते थे।
यहां पर म्यूजिक के साथ चलने वाले फव्वारे लोगों अपनी ओर आकर्षित करने लगे थे। कई परिवार यहां काफी देर तक रूककर अपना समय गुजारते थे। बच्चों के लिए मनोरजंन का माध्यम भी बना हुआ था, लेकिन पटेल पार्क पर पिछले भाजपा बोर्ड में लगाए गए म्यूजिकल फंव्वारे दो महीने से बन्द पड़े हैं। इतना ही नहीं कभी मोर्निंग वॉक के लिए लोगों की पहली पसंद होने वाला पटेल पार्क वीरान पड़ा हुआ है।
लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्मृति में बने पटेल पार्क से रोजाना कलक्टर से लेकर प्रशासन के आला अफसर गुजरते हैं, लेकिन किसी का ध्यान इस तरफ नहीं है कि यह पार्क उपेक्षित क्यों है। कभी विभिन्न फूलों की महक से महकने वाला पटेल पार्क आज भीनी-भीनी विभिन्न फूलों की सुगंध से महरूम है। वहीं अब न पहले जैसी हरियाली है न ही पहले जैसी रौनक।
इतना ही नहीं नगर परिषद के पिछले बोर्ड में इस पटेल पार्क में म्युजिकल फंव्वारे लगाए गए थे वह भी बन्द पड़े है। इस पार्क के चारों तरफ पार्क थे जो भी नगर परिषद टोंक ने तोड दिए। वही अब यह पटेल पार्क सिर्फ कहने को पार्क है जहां न तो हरियाली है न ही कोई फूलों की क्यारी।