नहरों में पानी 20 से 22 दिन तक छोड़ा जाएगा। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता गजानंद सामरिया ने बताया कि बांध 10 फीट का है। सोमवार को भराव 9 फीट 6 इंच था। इसमें से 4 फीट पानी रोकते हुए साढ़े 5 फीट पानी सिंचाई के लिए किसानों को दिया जाएगा। किसानों को 285 एमटीएफसी दिया जाएगा। जबकि बांध में 105 एमटीएफसी पानी आरक्षित रखा जाएगा। बैठक की शुरुआत में बांध के पानी और नहरों को लेकर चर्चा की गई।
प्रशासनिक अधिकारियों ने बांध की नहरों में 185 एमटीएफसी पानी 13 दिन देना तय किया। इसका बैठक में मौजूद किसानों ने विरोध किया। देवली-उनियारा विधायक हरीश मीणा भी बैठक में पहुंचे और उन्होंने भी पानी बढ़ाने को कहा। इस पर 285 एमटीएफसी पानी देना तय किया गया।
यह पानी किसानों को 20 से 22 दिन तक नहरों के माध्यम से मिलेगा। किसान महापंचायत युवा के प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी ने बताया कि गलवा बांध उनियारा से 3 फीट पानी आरक्षित रखने की मांग की थी, लेकिन विभाग की ओर से 7 से 4 फीट पानी आरक्षित रखने पर सहमति जताई।
इसके बाद बांध में 4 फीट पानी आरक्षित रखना तय हुआ और शेष पानी नहरों में छोडऩे पर सहमति बनी। उन्होंने बताया कि गत वर्ष बांध में पानी काफी था। इसके बावजूद टेल के किसानों तक पानी नहीं पहुंचा। ऐसे में किसानों ने 7 दिन तक अनशन किया था। गत वर्ष ब्रांच माइनर नम्बर 3, 4, 5, 6, 7 का पानी बहता हुआ बनास नदी में चला गया था। किसाना लगातार नहरों की मरम्मत, सफाई, माइनर क्षतिग्रस्त होने की मांग उठा रहे हैं।
विभाग की ओर से मुख्य केनाल की नहरों का भी पक्का निर्माण कार्य नहीं करवाया गया। गौरतलब है कि गलवा बांध प्रदेश के बड़े कच्चे बांधों में शामिल है। फैक्ट फाइल बांध में पानी- 9 फीट 6 इंच पानी आरक्षित रखेंगे
– 4 फीटपानी दिया जाएगा – 5 फीट 6 इंचआरक्षित पानी – 105 एमटीएफसी किसानों को मिलेेगा – 285 एमटीएफसी सिंचाई होगी – तीन हजार हैक्टेयर -लाभांवित गांव- 10