जहां कोरोना को लेकर गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। ऐसे में मासूम विद्यार्थी तो कोरोना से अंजान है, लेकिन अभिभावकों को कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका सताने लगी है। क्षेत्र में पिछले एक पखवाडे से तेज सर्दी के साथ कोहरे व सर्दी के सितम को लेकर अब अभिभावक भी मासूम विद्यार्थियों को विद्यालय भेजने से कतराने लगे हैं। सोमवार को कस्बे के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में कोहरे के साथ कोरोना के कहर को लेकर सुबह 10.45 बजे तक महज 3 विद्यार्थी ही पाठशाला में पहुंच पाए।
जबकि विद्यालय की कुल नामांकन संख्या 200 के करीब है। इसी के साथ विद्यालय में पहुंचे स्टाफ ने अलाव जलाकर सर्दी से राहत पाने का जतन करते हुए दिखाई दिए। वही विद्यालय पहुंचे विद्यार्थी भी बिना छुट्टी के ही घर लौटते नजर आए।
सर्द हवाओ से छूटी धूजणी
टोडारायङ्क्षसह. गत एक सप्ताह से लगातार कोहरे की मार के बीच मंगलवार तडक़े सुबह पाळा (ओस की बूंदाबांदी) गिरा। मंगलवार को कोहरे के साथ ओस की बूंदाबांदी (पाळा) होने से जनजीवन प्रभावित रहा। वहीं शीत लहर चलने से किसान मायूस नजर आए। किसानों का कहना है कि शीत लहर से टमाटर, मिर्च के अलावा रजका, सरसों की फसल में नुकसान की संभावना बढ़ गई है। इधर, गांव व खेतों में लोगो ने सर्दी से बचाव के लिए अलाव का सहारा लिया लोग सर्द हवाओं में धूजते नजर आए।
तेज सर्दी से पक्षियों की मौत
लाम्बाहरिङ्क्षसह. कस्बे समेत आसपास के गांवों में तीसरे दिन मंगलवार को भी शीतलहर ने लोगों को धुजाएं रखा। तापमान में गिरावट आने के कारण रात को तेज सर्दी से कई चिडिया की मौत हो रही है। पूर्व वार्ड पंच अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि हरिसागर कुण्ड पर बीते दो दिन से सुबह मृत चिडिया का शव मिल रहे है। इधर पशु चिकित्सक टीकम आनन्द ने बताया कि तेज सर्दी के कारण चिडिय़ा की मौत हो रही है।