scriptvideo: जिले के सबसे बड़े अस्पताल में आधा दर्जन चिकित्सक प्रतिनियुक्ति पर, एक चिकित्सक पर दो सौ मरीजों का भार | Weight of two hundred patients on a doctor | Patrika News

video: जिले के सबसे बड़े अस्पताल में आधा दर्जन चिकित्सक प्रतिनियुक्ति पर, एक चिकित्सक पर दो सौ मरीजों का भार

locationटोंकPublished: Jan 17, 2018 09:16:25 am

Submitted by:

pawan sharma

आउटडोर समय बीतते ही अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों का भार एक चिकित्सक पर आ जाता है। ऐसे में एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।

अस्पताल में भर्ती मरीज

टोंक. सआदत अस्पताल आउटडोर समय बीतते ही अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों का भार एक चिकित्सक पर आ जाता है। ऐसे में एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।

टोंक. सआदत अस्पताल प्रबन्धन की अनदेखी मरीजों पर भारी साबित हो रही है। आलम यह है कि आउटडोर समय बीतते ही अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों का भार एक चिकित्सक पर आ जाता है। ऐसे में एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। जबकि अस्पताल में सर्जिकल, मेडिकल के महिला व पुरुष के अलग-अलग वार्ड है।
इनमें करीब दो सौ पलंगों पर मरीज भर्ती रहते हैं। इसके साथ ही आईसीयू में भर्ती मरीजों को भी इमरजेंसी में बैठे चिकित्सकों को ही देखना पड़ता है। ऐसी स्थिति में बड़ा हादसा होने पर कॉल कर अन्य चिकित्सकों को बुलाया जाता है। जिले के सआदत अस्पताल में प्रतिदिन करीब एक हजार से अधिक मरीजों का आउटडोर रहता है। आउटडोर समय में सुबह व शाम के समय तो मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाओं का लाभ मिल जाता है।
इसके बाद आउटडोर समय बाद महज इमरजेंसी कक्ष में एक चिकित्सक की ड््यूटी रहती है। ऐसे में दोपहर व रात को अस्पताल में भर्ती सभी मरीजोंं का भार एक चिकित्सक पर रह जाता है। मरीजों का मानना है कि ऐसी परिस्थिति में वार्ड में भर्ती मरीजों की हालत बिगडऩे पर आपातकाल में लगे चिकित्सकों को ही देखना पड़ता है।
वहीं कॉल पर आने में लगने वाले समय में मरीज की हालत और अधिक बिगड़ जाती है। उल्लेखनीय है कि अस्पताल में 52 चिकित्सकों के पदस्वीकृत हैं। इनमें चार पद रिक्त है, जबकि छह प्रतिनियुक्ति पर व एक प्रशिक्षण में गए हुए हंै।
ठण्ड से बढ़े रोगी
दिन मेें धूप और सुबह-शाम तापमान में कमी रहने से अस्पताल में रोगियों की संख्या बढ़ गई है। नर्सेजकर्मियों के अनुसार खांसी, जुकाम, अस्थमा, हृदय, ब्लड-प्रेशर आदि के रोगी उपचार कराने सआदत अस्पताल पहुंच रहे है।
सर्दी ने बढ़ाया स्वाइन फ्लू का खतरा
सर्दी बढऩे के साथ जिले में स्वाइन फ्लू का खतरा भी लोगों को भयभीत करने लगा है। स्वाइन फ्लू से पीडि़त कालीपलटन निवासी सीमा की तीन दिन पहले उपचार के दौरान जयपुर में मौत हो चुकी है। इसके बावजूद विभाग इस बारे में अभी गंभीर नहीं है। विभाग के दावे भी कागजी साबित हो रहे है। खांसी, जुकाम, बुखार आदि से पीडि़त होकर आ रहे मरीजों के संदिग्ध मिलने पर जांच नहीं की जा रही। हालांकि सआदत अस्पताल प्रबन्धन का कहना है कि अभी तक स्वाइन फ्लू के लक्षण मिलने का कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
आउटडोर समय में सभी चिकित्सकों की सेवाएं होती है। आउटडोर समय बाद इमरजेंसी में एक चिकित्सक तैनात रहता है। इसके बावजूद आवश्यकता पडऩे पर कॉल पर चिकित्सक उपलब्ध रहतेे है।
जे. पी. सालोदिया, प्रमुख चिकित्साधिकारी सआदत अस्पताल टोंक
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो