READ MORE: जगन्नाथ रथयात्रा: उदयपुर में 22 सालों से निकल रही है रथयात्रा, रथ का भी है अपना इतिहास पार्क की जमीन पड़ी उपेक्षित शहर के वार्ड-37 में न्यू अशोक विहार, रोड नंबर-2 सेंट ग्रेगोरियस के पास स्थित यह जमीन पार्क के नाम पर क्षेत्रवासियों को रिजर्व मिली। लेकिन, कई-कई बार निगम और यूआईटी के चक्कर काटकर भी कुछ हासिल नहीं हुआ। एेसे में ग्रीन बेल्ट का हिस्सा काफी समय से उजाड़ ही पड़ा है।
READ MORE: जगन्नाथ रथयात्रा : पुरी की तर्ज पर उदयपुर में कल निकलेगी भव्य रथयात्रा, रथ पर सवार होकर नगरभ्रमण पर निकलेंगे महाप्रभु जागरूकता से बन गया चमन इधर, वार्ड-55 स्थित आदिनाथ नगर पार्क स्थानीय विकास समिति सदस्यों अशोक मेहता, सम्पत भंडारी, दिलीप खमेसरा, अरुण खमेसरा व प्रशान्त भंडारी के अलावा अन्य क्षेत्रवासियों के सहयोग से हरा-भरा और मनोहारी नजर आता है। इनका मानना है कि पत्रिका अभियान से प्रेरित होकर हर क्षेत्रवासी अपने उद्यानों में नियमित स्वैच्छिक श्रमदान का जिम्मा ईमानदारी से उठाए तो शहर की सूरत बदल सकती है। ज्यादातर कॉलोनियों में पार्कों की दुर्दशा के लिए क्षेत्रवासी भी कम जिम्मेदार नहीं हैं, जो अपने क्षेत्र के पार्क में बच्चों को झूलों आदि को तोड़ते या फिर किसी को कचरा डालते मना नहीं करते। एेसे ही कुछ लोग प्रशासन से शिकायत करने में आगे नहीं आते हैं और न ही उद्यानों के रख रखाव में भागीदारी ही निभाते हैं।