किसान के बेटे को योग नेे दिलाई अंतरराट्रीय पहचान
अन्तराष्ट्रीय पहचान बनाई

टोंक. निवाई उपखण्ड क्षेत्र के बड़ागांव में एक किसान परिवार में जन्मे बालक ने योग के क्षेत्र में अन्तराष्ट्रीय पहचान बनाई है। वहीं दिल्ली मेें विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में ५५ देशों के लोगों के सामने योग कला का प्रदर्शन भी करेगा। बड़ागांव निवासी किसान मोहन लाल का पुत्र रामरस रामस्नेही ने 10 फरवरी 2018 को जीवन इंटरनेशनल स्कूल चिड़ावा जिला झुंझुनू में मात्र 7 मिनट 32 सेकंड में 100 बार सूर्य नमस्कार कर दुनिया का सबसे तेज गति से सूर्य नमस्कार करने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया है। इसके बाद से रामरस ने योग के क्षेत्र में एक के बाद एक रिकॉर्ड बना क्षेत्र का नाम रोशन किया है। योगी रामरस ने चित्तौडग़ढ़ के संत दिग्विजय राम और राला बाबा धाम किवाड़ा के संत प्रकाशदास से योग क्रियाएं सीखी। योग कलाओं के निरन्तर योगाभ्यास प्रतिभा को निखारा ।
देश और विदेश में शिविरों का किया आयोजन
योगाचार्य रामरस गांव से लेकर विद्यालयों, प्रशासनिक कार्यालय, पुलिस थानों और विभिन्न संस्थाओं में योग शिविर लगाकर लाखों महिला- पुरुषों को योग सीखा चुके है। राज्य के अलावा, मध्यप्रदेश, रामेश्वरम, कन्याकुमारी, बेंगलुरु, तमिलनाडु व दुबई निरोगी रहने के लिए योग का महत्व बता चुके है।रामरस को योग क्रियाओं में नेति, धोती व नौली में विशेष दक्षता प्राप्त है। रामरस अब तक कई राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के साथ ही वल्र्ड रिकॉर्ड भी बना चुके है।
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