scriptबहुत, लेकिन प्यारा बोलते हैं गुजरात के लोग, एक बार जरूर जाएं | Indeed Gujaratis' are talkative but lovely do visit Gujarat once | Patrika News

बहुत, लेकिन प्यारा बोलते हैं गुजरात के लोग, एक बार जरूर जाएं

Published: Mar 20, 2015 05:59:00 pm

दिवाली के
दूसरे दिन का “बेस्ता वरस” यानी नया साल और नवरात्री में गरबा की धूम

इन दिनों न केवल टीवी सिरियल्स में बल्कि हिंदी फिल्मों में भी गुजरात के कल्चर को बहुत अच्छी तरह से दिखाया जा रहा है। चाहै तारक म हेता की दया का गरबा हो या दीपिका पादूकोण का हिंच हो दोनों ही गुजरात की लोक परंपरा को दिखाते हैं। और सबसे उपर भंसाली की फिल्म हम दिल दे चुके सनम ने तो गुजरात की खुबसुरती को हर तरीके से दिखाया है। और इन सबसे उपर यदि आप इन दिनों गुजरात जाएंगे तो वहां के लोग आपसे यही कहेंगे कि अमिताभ बच्चन के एड्वरटाइ जमेंट के बाद से गुजरात में टुरिज्म बढ़ा है। इंडिया के पश्चिम में बसे गजुरात के टुरिज्म पर विश्वास करके टीवी और फिल्म इंडस्ट्री ने गुजरात को भरपूर सबके सामने परोसा, लेकिन अब आपकी बारी है गुजरात जाने की और वहां की खुबसुरती का मजा लेने की।

गुजरात जाने का सबसे बहेतर समय अगस्त से दिसम्बर है इन महिनों में गुजरात अपने पूरे रंग पर रहता है। दिवाली के दूसरे दिन का “बेस्ता वरस” यानी नया साल और नवरात्री में गरबा की धूम। यदि इस दौरान आप गुजरात जाते हैं तो आपको गुजरात से अपनेपन के अहसास का रिश्ता जुड़ जाएगा।

गुजरात बेहद धार्मिक राज्य माना जाता है। मांस-मदिरा से दूर यह राज्य मंदिरों से भरा है और हर मंदिर यहां अपनी अपनी विशेषता रखे हुए है। सोमनाथ का मंदिर बारत के इ्तहास में ऎक अमर जगह रखता है। वहीं आधुनिक अक्षरधाम का मंदिर भारत के संपूर्ण इतिहास की झांकियों को लिए हुए है। यहां का कच्छ का रण “धोरड़ो” चांदनी रातों में सफेद रेत की खुबसुरती लिए है।

गुजरात का अहमदाबाद, साबरमती आश्रम, सरनाथ, पालीताणा, द्वारि का, भुज, सोमनाथ मंदिर, चम्पारण, सापुतारा, जुनागढ़, भावनगर और पोरबंदर कुछ महत्वपूर्ण गन्तव्य स्थान है।

गुजरात जाने के लिए हर बड़े अथवा छोटे शहर से लगभग गुजरात के हर शहर के लिए ट्रेन है।
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