इसके बारे में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक बताते है कि – “भारत के थिएटर को विश्व पटल प्रोजेक्ट और प्रोमोट करने और मेनस्ट्रीम एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का हिस्सा बनाने के लिए ऐसे किसी आयोजन की जरूरत थी।
ग़ौरतलब है कि इस आठवें थिएटर ओलंपिक का आयोजन दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय सहित देश के कुल 17 अलग-अलग शहरों में हो रहा है। गुवाहाटी तथा वाराणसी में यह समारोह 11 मार्च से 25 मार्च तक चलेगा तथा भोपाल में 14 मार्च से 28 मार्च तक नाटक प्रदर्शित किए जाएंगे। कोलकाता में जहाँ यह आयोजन 27 फरवरी से 13 मार्च के बीच सम्पन्न होगा वहीं जयपुर में 18 मार्च से 1 अप्रैल तक कलाकार अपना जलवा बिखेरेंगे।मुम्बई में यह 24 मार्च से 7 अप्रैल तक चलेगा साथ ही जम्मू में 22 मार्च से 1 अप्रैल तक आयोजन किया जा रहा है।इसी प्रकार चेन्नई, तिरुअनंतपुरम, भुवनेश्वर,बैंगलोर,पटना,अगरतला, इम्फाल,चंडीगढ़ और अहमदाबाद में यह आयोजन अलग-अलग तारीख़ में सम्पन्न होगा।
इसी कड़ी में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली में 2 नाटकों का मंचन किया गया।
पहला नाटक ‘मदर करेज एंड हर चिल्ड्रेन निर्भया’ कोलकाता के ‘स्वप्नसंधानी’ समूह द्वारा प्रदर्शित किया गया। बंगाली भाषा के इस नाटक को लेखक बेर्टोल्ड ब्रेच द्वारा लिखा गया है तथा इसके निर्देशक कौशिक सेन थे। नाटक का मंचन ‘कमानी’ सभागार में किया गया।नाटक की अवधि 2 घंटे 10 मिनट थी।
इसी क्रम में दूसरा नाटक ‘कुन्ती-कर्ण’ पुड्डुचेरी के ‘इंडियानोस्ट्रम थिएटर’ समूह द्वारा पेश किया गया।रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखे गए इस नाटक का मंचन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के ‘अभिमंच’ सभागार में किया गया। 1 घंटे 35 मिनट के इस तमिल भाषी नाटक का निर्देशन क़ौमराने वलवाने द्वारा किया गया।