कई बार पैसों से खुशी नहीं खरीदी जा सकती हिमांशी (Himanshi Khurana) ने आगे कहती हैं कि 14 जून की सुबह जब मैं उठी तो मेरी मैनेजर ने बताया कि सुशांत (Sushant Singh Rajput Suicide) ने सुसाइड कर लिया। इसे सुनकर मैं शॉक्ड रह गई थी। मैं उनके बारे में सोचने लगी कि ऐसा क्या हुआ होगा जो उन्होंने ऐसा फैसला लिया। सुशांत की मौत से मेरे स्वास्थ्य पर भी असर पड़ा। मेरा ब्लड प्रेशर अचानक गिर गया था। कई लोग कह रहे थे कि सुशांत के पास नाम, काम, पैसा सब कुछ था फिर भी उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया। कई बार खुशी इन चीजों से नहीं खरीद सकते। इन सब चीजों के होने के बावजूद आप खोए हुए रहते हो। दूसरों को न इस बारे में बता पाते हो और न ही समझा पाते हो कि आखिर क्या चीज है जो परेशान कर रही है। मुझे नहीं पता कि सुशांत को क्या चीज परेशान कर रही थी।
डिप्रेशन पर बात करने वाले लोग पहले कहां थे? हिमांशी आगे कहती हैं कि सुशांत की मौत के बाद लोगों ने अचानक मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) और डिप्रेशन (Depression) के बारे में बात करनी शुरू कर दी। मुझे बुरा लगता है कि इस हादसे के बाद ही इन चीजों पर बात होनी शुरू हुई। इससे पहले ये सब क्यों नहीं हुआ। अब लोग सामने आ रहे हैं और बात कर रहे हैं। खुद की परेशानियां बता रहे हैं। इन चीजों पर बात करने के लिए हमने एक एक्टर को खोया। इस बारे में सोचकर मुझे दुख होता है। सोशल मीडिया पर लोग इन दिनों डिप्रेशन को लेकर कई तरह की बात कर रहे हैं। पहले कहा थे ये लोग। इससे पहले जब डिप्रेशन को लेकर बात होती थी लोग समझते थे कि ये मानसिक रूप से बीमार है। या पब्लिसिटी के लिए कर रहा है। जबकि लोगों को कई परेशानियां होती हैं, जिनसे वह लड़ते हैं। मुझे सुशांत के जाने का बहुत दुख है।