बचाया जा सकता था डॉ. हाथी को:
बता दें कि कवि कुमार का निधन मुंबई के वोकार्ड हॉस्पिटल में हुआ। वोकार्ड हॉस्पिटल के सेंटर हेड रवि हिरावनी का कहना है कि कवि कुमार को करीब दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर हॉस्पिटल लाया गया था। उस वक्त उनकी धड़कनें सुनाई नहीं दे रही थी। उन्हें तुरंत इमर्जेंसी में ले जाकर सीपीआर देने की कोशिश की गई। डॉक्टर का कहना है कि उनकी ईसीजी भी बिल्कुल फ्लैट थी। उन्हें जब लेकर आए थे तभी मृत घोषित कर दिया गया था। डॉक्टर का कहना है कि अगर पहले लाया जाता तो उन्हें बचाया जा सकता था।
3-4 दिनों से सांस लेने में हो रही थी दिक्कत:
कवि कुमार के भाई ने डॉक्टर को बताया था कि उनके भाई को पिछले 3-4 दिनों से उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। साथ ही उन्हें हाइपरटेंशन और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप ऐपनिया डिज़ऑर्डर यानी रात को नींद में सांसें थम जाना जैसी समस्या भी थी।
निराला अंदाज था डॉ. हाथी का:
इनका असली नाम कवि कुमार आजाद था। डॉ.हाथी इस शो के एक पॉपुलर एक्टर थे। इनका अंदाज बिल्कुल जुदा था। अब उनका यह निराला अंदाज अब ‘तारक मेहता..’ मे देखने को नहीं मिलेगा। आजाद को बचपन से ही एक्टिंग और कविताएं लिखने का शौक था। एक बेहतरीन अभिनेता होने के साथ-साथ वह बहुत अच्छे कवि भी रहें हैं। आज़ाद का वजन लगभग 200 किलो था लेकिन बाद में उन्होंने अपना 80 किलो वजन सर्जरी से कम किया था। उन्होंने फिल्मों में भी काम किया है। आमिर खान के साथ फिल्म ‘मेला’ में आजाद ने काम किया। इसके अलावा उन्होंने ‘फंटूश’, ‘ड्यूड्स इन द टेन्थ सेंचुरी’ जैसी फिल्मों में भी काम किया है। निजी जिंदगी में वह बेहद भावुक और संवेदनशील इंसान थे। वह छुट्टियों के दिनों में जरुरतमंद बच्चों क साथ वक्त गुजारते थे।