सोशल मीडिया पर लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा था कि आखिर 80 के दशक में इतने कठिन सीन को कैसे शूट किया गया था। इस खुलासा खुद भीष्म पितामह (Bhishma Pitamah) का रोल निभाने वाले एक्टर मुकेश खन्ना (Mukesh Khanna) ने कर दिया है। उन्होंने बताया कि कैसे उस वक्त रवि चोपड़ा और पूरी टीम ने मिलकर इसे मुमकिन बनाया था और सीन स्क्रीन पर बिल्कुल ओरिजनल लग रहा था।
मुकेश खन्ना ने कई सारे ट्वीट करते हुए बताया- भीष्म पितामह ज़मीन पर नहीं बाणों की शैया पर गिरे, बहुत ही बढ़िया सीन। कोई स्पेशल इफेक्ट्स नहीं थे उसे बहुत सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया। सीन शूट करने में पूरा दिन निकल गया था। दिवंगत रवि चोपड़ा और पूरी टीम की तारीफ करनी होगी। हर एक बाण मुझ पर तार द्वारा छोड़ा गया। हर एक को मैंने पकड़ा, लगने का रीऐक्शन दिया। आगे आधा, पीछे आधा बाण मेरे ड्रेस के नीचे पहने जिरह बख़्तर पर स्क्रू किया गया। फिर दिन भर बाण चलते रहे, चलते रहे।