फेंक दिया था कूड़ेदान में:
नुपुर ने केबीसी के मंच पर बताया कि जब वह पैदा हुई थीं तो डॉक्टरों ने उन्होंने मृत बताकर अस्पताल के कूड़ेदान मे फेंक दिया था। नुपुर ने केबीसी के मंच से दुनियाभर के डॉक्टरों से अपील करते हुए कहा कि आपकी एक छोटी सी गलती आपके लिए छोटी गलती होगी, लेकिन किसी के लिए पूरी जिंदगी का सवाल हो जाता है।
शरीर का दाहिना हिस्सा हुआ खराब:
डॉक्टरों ने तो नुपुर को मरा बताकर कूड़ेदान में फेंक दिया था लेकिन अचानक कूड़ेदान से बच्ची के रोने की आवाज आने लगी। इसके बाद बच्ची को बाहर निकालकर तुरंत इलाज शुरू किया गया। तब तक उस बच्ची के शरीर को कई तरह की व्याधियों ने घेर लिया था। इस भयानक घटना में नूपुर की जान तो बच गई। लेकिन उनके शरीर का दाहिना हिस्सा पूरी तरह लकवाग्रस्त हो गया। नूपुर के इलाज के दौरान सर्जिकल उपकरणों के गलत इस्तेमाल के चलते उनके शरीर में कमर के नीचे के हिस्से की खून की आपूर्ति रुक गई थी, जिसके चलते अब वो दिव्यांग हैं।
सारे काम खुद करती हैं:
नूपुर अपने सभी काम खुद करती हैं। उन्होंने कभी व्हीलचेयर का इस्तेमाल नहीं किया। इससे वह खुद के बीमार समझने लगती हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि जिंदगी में कई बार ऐसे मोड़ आते हैं जब आदमी हार जाता है। लेकिन जब नुपुर के साथ ऐसा होता है तो हर बार हारने जैसा महसूस होते ही उनके अंदर आत्मबल आ जाता है।