स्नेहा वाघ ( sneha wagh )
शो ‘कहत हनुमान जय श्री राम’ में बाल हनुमान की मां अंजनी की भूमिका निभा रहीं स्नेहा वाघ का कहना है, ‘अपने पेरेंट्स को लेकर मैं बहुत मुखर हूं और मेरी सफलता का श्रेय उन्हें जाता है। मेरी कुशलताएं इसलिए हैं, क्योंकि उन्होंने मुझे ऐसा बनने दिया। एक्टिंग और डांसिंग ऐसी कलाएं हैं, जो अभिव्यक्ति की मांग करती हैं और स्वतंत्रता चाहती हैं। मेरे पेरेंट्स ने मेरे अनुभव की अभिव्यक्ति से मुझे कभी नहीं रोका। वे हमेशा मुझे खुद पर यकीन करने के लिए प्रेरित करते हैं।’
सारिका बहरोलिया ( sarika bahroliya )
‘गुड़िया हमारी सभी पे भारी’ में गुड़िया रोल निभा रही सारिका बहरोलिया कहती हैं, ‘पेरेंट्स मेरी लाइफलाइन हैं और मैं हमेशा उनके साथ रहना चाहती हूं। मैंने अपनी मां से शांत और धैर्यवान बनना सीखा, जबकि पिताजी ने बैंकिंग और फाइनेंस के बारे में सब-कुछ सिखाया। उन्होंने मुझे बताया कि शेयरिंग क्या होती है और दूसरों की देखभाल कैसे करें। मैं एक अच्छा इंसान बनाने के लिए उनकी शुक्रगुजार हूं।’
कामना पाठक ( Kamna Pathak )
‘हप्पू की उलटन पलटन’ की दबंग दुल्हनिया कामना पाठक ने कहा, ‘मेरे पेरेंट्स ने मेरे कॅरियर की शुरुआत से लगातार मुझे सहयोग दिया है। उन्हें कला और संगीत बहुत पसंद है और वे हमेशा दर्शकों के बीच बैठते थे और मेरे परफाॅर्मेंस पर मेरा उत्साह बढ़ाते थे। जिस दिन मैंने ‘हप्पू की उलटन पलटन साइन’ किया, तब मैं बहुत नर्वस थी, लेकिन मेरे पेरेंट्स ने सबकुछ सही कर दिया। जब से मैंने ‘मां’ और ‘पापा’ शब्द सुने हैं, तभी से वे मेरे सबसे मजबूत शक्तिस्तंभ हैं।’
तन्वी डोगरा ( Tanvi Dogra)
‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं’ में अहम किरदार निभा रहीं तन्वी डोगरा अपने पेरेंट्स को सबसे बड़े सहयोगी और शक्तिस्तंभ मानती हैं। जब मुझे पहला शो मिला और मुंबई आई तो उनको मेरी बहुत चिंता हो रही थी। एक सप्ताह बाद ही मेरी मां मुंबई आ गई जब मुझे अहसास हुआ कि उन्हें मेरी कितनी चिंता थी। चाहे अपने बच्चे के लिये उन्हें एक-दूसरे से अलग रहना हो। हमारा रिश्ता प्यार, विश्वास और एक-दूसरे की परवाह पर टिका है।’