उन्होंने आगे कहा, सुशांत ने अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत के दम पर अपनी जिंदगी में सफलता हासिल की और लोगों को उनकी जीवनशैली व मनोदशा पर कुछ भी गलत कहने से बचना चाहिए और उन्हें उनकी सफलता के आधार पर याद किया जाना चाहिए। मुझे नहीं पता कि वह डिप्रेशन में थे या नहीं, लेकिन मैं चाहूंगी कि लोग इसे एक टैबू बीमारी के तौर पर न देखें और यह समझें कि डिप्रेशन आपको एक कमजोर इंसान नहीं बनाता है।