नीतीश भारद्धाज को इस अप्रितम प्रसिद्धी का जितना फायदा मिलना चाहिए था, नहीं मिला। श्रीकृष्ण के रोल में एक अलग पहचान बनने के कारण उन्हें धार्मिक किरदारों के लिए ही चुना गया। ‘महाभारत के बाद उन्होंने ‘गीता रहस्य’ में देखा गया। इसके बाद धारावाहिक ‘विष्णु पुराण’, ‘रामायण’2003, ‘मन में है विश्वास’ और ‘अजब गजब घर जवांई’ में कृष्ण के रूप में देखा गया।
टीवी छोड़ चले गए खेती करने
नीतीश भारद्धाज को फिल्मों और टीवी सीरीयल्स में छोटे-छोटे रोल मिले लेकिन बड़ा रोल नहीं मिला। इससे परेशान होकर नीतीश ने सबकुछ छोड़ खेती करने का मन बनाया। इस खेती करने के दौर में उन्होंने सामाजिक काम किए और राजनीति से दूर रहे। हालांकि निर्देशन में भी उन्होंने हाथ आजमाया।
बीजेपी का थामा दामन
1996 में नीतीश बीजेपी के टिकट पर जमशेदपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और सांसद बन गए। हालांकि इसके बाद जब दुबारा चुनाव लड़ा तो मुकाबला कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह से था। इस चुनवा उन्हें हार का सामना करना पड़ा। फिर नीतीश ने राजनीति भी छोड़ दी।
फिल्मों में मिले छोटे रोल
टीवी धारावाहिकों के अलावा नीतीश को कुछ फिल्मों में छोटे—छोटे रोल भी मिले। इनमें ‘मोहनजोदड़ो 2016 और ‘केदारनाथ’ में मिले रोल शामिल हैं। इसके अलावा नीतीश थियेटर में भी एक्टिव हैं। ‘चक्रव्यूह’ नाम के उनके प्रोड्क्शन से वह अपनी अभिनय प्रतिभा को जगाए हुए हैं।
सब छोड़ अब करते हैं ये काम
नीतीश ने एक इंटरव्यू के दौरान अपने जीवन के लक्ष्य को लेकर बात की। उनका कहना है कि अब उनका दुबारा सिनेमा या टीवी में अभिनय का मन नहीं है। ना ही वह अब राजनीति में जाना चाहते हैं। उनका लक्ष्य अब कुछ नया करने का है। उन्होंने पुणे में एक ऑर्गेनिक फार्म भी बनाया है। इसी को वह अपना ‘स्वर्ग’ बनाना चाहते हैं। नीतीश फिलहाल एक हिन्दी फिल्म बना रहे हैं।