शो में सुधा ने उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बारे में बताया और अपनी बेटी की बातों से मोटिवेट होकर इंफोसिस की नींव रखी। वीडियो में दिखाया गया है कि जब सुधा (Sudha Murthy) ने कर्नाटक के हुबली कॉलेज में इंजीनियरिंग के लिए एडमिशन लिया तो 599 लड़कों के बीच वो अकेली छात्रा थीं। ये देखते हुए प्रिंसिपल ने उनके सामने तीन शर्ते रखी थी। इसमें पहली थी साड़ी पहनना, दूसरी थी कैंटीन मत जाना और तीसरी शर्त में लड़कों से बात ना करना शामिल था।
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सुधा मूर्ति ने बताया कि उन्होंने पहली शर्त मान ली थी लेकिन कैंटीन का खाना अच्छा ना होने की वजह से दूसरी शर्त नहीं मान पाई थी। उसके बाद जब पहला रिजल्ट आया तो लड़कों को पता चला कि उनकी क्लास में फर्स्ट रैंक आई तो वो खुद ही उनसे बात करन लगे। सुधा को कॉलेज के वक्त ही टॉयलेट के महत्व का पता चला। जिसके बाद उन्होंने 16 हजार शौचालयों का निर्माण करवाया। आज सुधा एक समाज सेविका की तरह देश के उत्थान और बेहतर समाज बनाने में योगदान दे रही हैं। शो के दौरान अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने सुधा के पैर भी छुए।