तारक को छोड़ कर चले जाने का फैसला
तारक अंजलि और सोसाइटी के सभी रहिवासियों को समझाते है कि उन्होंने वह पिज़्ज़ा नहीं खाया पर कोई भी उनकी बात पर विश्वास नहीं कर रहा है। बड़े प्रयासों के बावजूद भी तारक उन पर लगे हुए इल्जाम को गलत साबित नहीं कर पा रहे है। अपने पति तारक के ऐसे बर्ताव को देख अंजलि की निराशा गुस्से में बदल जाती है और ग़ुस्से में वह तारक को छोड़ कर चले जाने का फैसला करती है।
अंजलि से माफ़ी मांगने की सलाह
जेठालाल की अपने परम मित्र तारक को बचाने की आखरी कोशिश भी नाकामयाब हो गयी है। तारक मेहता के लिए खुद को बेगुनाह साबित करने के सभी दरवाज़े बंद हो चुके है। वहीं उनकी पत्नी अंजलि भी उनसे उदास होकर उन्हें हमेशा के लिए छोड़कर जाने की धमकी दे रही हैं। बेशक अंजलि तारक के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है और वह कभी नहीं चाहेंगे की उनकी पत्नी उनसे दूर हो जाये पर दूसरी ओर तारक अंजलि से झूठ भी नहीं बोलना चाहते हैं। उनकी दुविधा को समझते हुए चंपकलाल हस्तक्षेप करने का फैसला करते है। वह तारक मेहता को समझाते है कि वास्तव में तारक ने पिज़्ज़ा आर्डर नहीं किया होगा लेकिन उस वक़्त अंजलि को शांत करना ज्यादा जरुरी है। चंपकलाल तारक को अंजलि से माफ़ी मांगने की और अपने पर लगे हुए आरोपों को भी स्वीकार करने की सलाह देते है।
भले ही तारक मेहता अंजलि से माफ़ी मांग ले पर कहानी यही ख़त्म नहीं होती है। अंजलि तारक से और भी नाराज हो चुकी हैं और इससे तारक मेहता की परेशानियां और भी बड़ गयी हैं। दूसरी ओर तारक मेहता की यह अवस्था देख टप्पू सेना को बुरा लग रहा है पर वह खुद दुविधा में अटक गए है जहा उन्हें सच कबूल करने से डर लग रहा है।