बांसवाड़ा में नायक ट्रैवल्स के संचालक लबाना की गुजरात, एमपी व राजस्थान में बसें चलती हैं। राजनीतिक प्रभाव के चलते लबाना इन वाहनों को मासिक टैक्स जमा नहीं करवा रहा था। डिफाल्टर होने पर जब नोटिस थमाए गए तो वह वाहनों को बॉर्डर पार ले गया। मध्यप्रदेश व गुजरात को टैक्स जमा करवाकर वाहनों को वहां से संचालन कर रहा था। परिवहन विभाग की जानकारी में आने पर अधिकारियों ने लबाना के बांसवाड़ा में 4, डंूगरपुर में 2 वाहन पकड़े। राज्य में इन छह वाहनों की नीलामी से विभाग ने 17.68 लाख का राजस्व वसूला।
सरकार से ली विशेष अनुमति
राजस्थान से बाहर एमपी व गुजरात में लबाना के वाहन दौडऩे की जानकारी पर परिवहन विभाग ने राज्य सरकार से इन्हें जब्ती की विशेष अनुमति ली। उसके बाद रतलाम (एमपी) के परिवहन विभाग कार्यालय से लगातार सम्पर्क साधा। इस बीच लबाना के चार वाहनों को रतलाम में फाइनेंस कंपनी ने जब्त कर लिया। राज्य सरकार से इस बाबत विशेष अनुमति लेकर जब्ती की कार्रवाई करने चाही तो फाइनेंस कंपनी ने स्वयं 11.40 लाख रुपए विभाग में जमा करवा दिए। इस तरह विभाग के पास अब तक कुछ 29.08 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ।
राजस्थान से बाहर एमपी व गुजरात में लबाना के वाहन दौडऩे की जानकारी पर परिवहन विभाग ने राज्य सरकार से इन्हें जब्ती की विशेष अनुमति ली। उसके बाद रतलाम (एमपी) के परिवहन विभाग कार्यालय से लगातार सम्पर्क साधा। इस बीच लबाना के चार वाहनों को रतलाम में फाइनेंस कंपनी ने जब्त कर लिया। राज्य सरकार से इस बाबत विशेष अनुमति लेकर जब्ती की कार्रवाई करने चाही तो फाइनेंस कंपनी ने स्वयं 11.40 लाख रुपए विभाग में जमा करवा दिए। इस तरह विभाग के पास अब तक कुछ 29.08 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ।
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डिफाल्टर होने पर लबाना के नियमानुसार वसूली की कार्रवाई के लिए स्थानीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे। उसी के तहत कार्रवाई की गई। राज्य के बाहर भी सरकार से विशेष अनुमति के बाद कार्रवाई की गई।
मन्नालाल रावत, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी
डिफाल्टर होने पर लबाना के नियमानुसार वसूली की कार्रवाई के लिए स्थानीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे। उसी के तहत कार्रवाई की गई। राज्य के बाहर भी सरकार से विशेष अनुमति के बाद कार्रवाई की गई।
मन्नालाल रावत, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी