पीडि़ता ने 18 अक्टूबर 2012 को सराड़ा में न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम के समक्ष परिवाद पेश किया था कि आरोपी 6 अक्टूबर की रात्रि को ऑटो लेकर उसके घर आया और ने खुद को कांतिलाल पुत्र हीरा मीणा निवासी कागदर बताया। उसने स्वयं को अधिकारी बताते हुए सरकारी योजना के तहत आवास दिलाने का झांसा दिया। मीणा जाति का ही होने से पीडि़ता व उसकी मां ने उस पर विश्वास कर लिया। बाद में वह अगले दिन प्रार्थिया को उसके पूर्व पति से राजीनामा करवाने के बहाने अपने साथ ले गया। बडुवा गांव में उसे चोखा मीणा के घर ठहराया। रात में आरोपी ने उसे एकांत में ले गया, जहां डरा-धमका कर चांदी की जोड़ खुलवा ली और उसके साथ बलात्कार किया। दो दिन के बाद आरोपी ने पीडि़ता को बेचने की नीयत से नारायण मीणा को बुलाया। उसने भी पीडि़ता के साथ बलात्कार किया। 13 अक्टूबर को प्रार्थिया मौका पाकर वहां से भाग निकली और अपनेे परिजनों को आपबीती सुनाई। सराड़ा थाने में पहले रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। बाद में पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी की पहचान मांगीलाल पुत्र धन्ना कीर के रूप में की। प्रकरण की सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने आरोपी को उक्त सजा सुनाई। पीडि़ता को पीडि़त प्रतिकर स्कीम में प्रतिकर दिलाने का भी आदेश दिया गया।