बैंककर्मियों के अनुसार संभाग में करीब 1000 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ। बैंककर्मी सुबह 10 बजे देहलीगेट स्थित बैंक तिराहे पर एकत्र हुए जहां उन्होंने भारतीय बैंक संघ व केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन एवं नारेबाजी की। प्रदर्शन के बाद सभा में वक्ताओं ने 2 प्रतिशत की वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को नाकाफी बताते हुए विरोध किया।
मेहनत का एेसा फल शर्मनाक वक्ताओं ने कहा कि बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने दिन-रात मेहनत कर केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को सफ ल बनाने के लिए काम किया, लेकिन केन्द्र सरकार की ओर से सेवाओं का इस रूप से प्रतिफ ल देना बहुत ही शर्मनाक है। डीके जैन, पीएस खींची, जीएल जोशी, राजेश जैन, एसएल मारू, बीएल अग्रवाल ने संबोधित किया। बैंककर्मियों की हड़ताल गुरुवार को भी जारी रहेगी।
केन्द्र सरकार की नीतियों से बैंक घाटे में वक्ताओं ने कहा कि भारतीय बैंक संघ का यह तर्क है कि अधिकतर बैंक घाटे में है, इसलिए ज्यादा वेतन वृद्धि नहीं दी जा सकती, जो गले नहीं उतरता है। उन्होंने कहा कि सभी बैंक ऑपरेटिंग फायदे में है एवं घाटा केवल एनपीए एवं डूबत ऋ ण के प्रोविजन करने की वजह से है। इसकी जिम्मेदारी बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों की नहीं है। इसके लिए केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियां जिम्मेदार हैं।
इधर ग्रामीण डाक कर्मचारी आज मुंडन करवाकर करेंगे विरोध प्रदर्शन सातवें वेतन आयोग के लाभ के लिए गठित कमलेश चन्द्रा कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय ग्रामीण डाक कर्मचारी यूनियन के आह्वान पर ग्रामीण डाक कर्मचारियों की हड़ताल बुधवार को भी जारी रही।डाककर्मियों ने मुख्य डाकघर के बाहर धरना दिया। इस अवसर पर सभा को मोहनलाल मेघवाल, केजी शाकद्विपी, राजेश मेकलिया, नारायण पानेरी, रोशन मीणा ने संबोधित किया। डाककर्मियों ने बताया कि गुरुवार को मुख्य डाकघर चेतक सर्कल के बाहर मुंडन कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि देशभर में करीब 2.71 लाख ग्रामीण डाक कर्मचारी हड़ताल पर है जिससे देशभर के करीब 1 लाख 29 हजार ग्रामीण शाखा डाकघरों में सामाजिक सुरक्षा, पेंशन, आवर्ती जमा, डाक जीवन बीमा, बचत योजनाओं, सुकन्या समृध्दि योजना आदि कार्य प्रभावित हो रहे है। ग्रामीणों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।