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11 साल बाद तुला इंसाफ का तराजू, गरीब से ली थी रिश्वत अब मिली ऐसी सजा 

locationउदयपुरPublished: Aug 24, 2017 09:28:00 am

Submitted by:

Mohammed illiyas

दो सौ रुपए घूस लेने के आरोपित चिकित्सक को न्यायालय ने एक वर्ष की कैद व चार हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

11 year old bribe case of jhadol udaipur
उदयपुर. मेडिकल रिपोर्ट बनाने के एवज में आदिवासी गरीब से दो सौ रुपए घूस लेने के आरोपित चिकित्सक को न्यायालय ने एक वर्ष की कैद व चार हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने गत 12 अक्टूबर २००६ को झाड़ोल तहसील मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्साधिकारी हाल भूपालपुरा (उदयपुर) निवासी डॉ. चंदरकुमार पुत्र भोलाराम मूलचंदानी को झाड़ोल निवासी किशनलाल मीणा से दो सौ रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। आरोपी ने ये रुपए रिश्वत मेडिकल रिपोर्ट बनाने के नाम पर लिए थे।
आरोप पत्र पेश होने पर लोक अभियोजक गणेश शंकर तिवारी ने १७ गवाह व ३६ दस्तावेज पेश किए तथा दलील दी कि आरोपी ने सरकारी नौकरी में हुए तीन माह तक निजी चिकित्सालय में काम कर वहां से भी वेतन उठाया। विशेष न्यायाधीश सेशन न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण मामलात) के पीठासीन अधिकारी सुनील कुमार पंचोली ने आरोपी चिकित्सक को भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं में एक-एक वर्ष की कैद व दो-दो हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। गौरतलब है कि ११ अक्टूबर २००६ को किशनलाल मीणा ने ब्यूरो में चिकित्सक के विरुद्ध शिकायत की थी कि उसके छोटे भाई अम्बालाल मीणा के साथ देवीलाल थावरचंद व रूपलाल ने मारपीट की।
शरीर पर गंभीर चोटें आने पर वह पुलिस की तहरीर लेकर चिकित्सक डॉ. चंदरकुमार के पास मेडिकल करवाने गया। चिकित्सक ने २०० रुपए मांगे।

न्यायालय ने कहा चिकित्सक का आचरण भ्रष्ट
न्यायालय ने अपने निर्णय में लिखा कि बढ़ती हुई धन लोलुपता व तुच्छ महत्वांक्षाओं के चलते भ्रष्टाचार की समस्या नासूर बन चुकी है। आए दिन भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे है। इन मामलों में उत्तरोत्तर हो रही वृद्धि को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कानून का कोई भय ही नहीं रह गया।
अनीति से धन अर्जित करने वालों के विरुद्ध सख्त रवैया अख्तियार किया जाना आवश्यक है ताकि ऐसे अपराधों को प्रभावी ढंग से रोका जा सके। लोक सेवक अपने पदीय कर्तव्यों का निवर्हन इमानदारी से करने के लिए कर्तव्यबद्ध है। अभियुक्त पेशे से चिकित्सक है, जिसने पथभ्रष्ट होकर अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए रिश्वत लेकर भ्रष्ट आचरण किया है।

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