शनिवार शाम करीब 5.30 बजे इस लाइन में आई खराबी के कारण रोहिड़ा से सप्लाई बाधित हो गई। दो-तीन बार सप्लाई बहाल करने के प्रयास किए गए, परंतु सफलता नहीं मिली। इस पर कोटड़ा उपखण्ड पर कार्यरत विभाग के तकनीकी कर्मचारी लाइन की मरम्मत के लिए निकले। कोटड़ा से करीब 18 किलोमीटर दूर कागवास जीएसएस तक पहुंचते-पहुंचते अंधेरा हो गया, लेकिन फॉल्ट का पता नहीं चला। लगभग 2 घंटे तक मशक्कत के बाद कर्मचारी लौट आए। एेसे में पूरी रात अंधेरे में गुजारने के बाद रविवार सुबह फिर से विद्युत निगम के कर्मचारी फॉल्ट को ढूंढने के लिए निकले। मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर सांडमारिया गांव में मुख्य सडक़ पर ही फाल्ट दिखाई दिया जिसे महज 1 घंटे से भी कम समय में दुरुस्त कर दिया गया। सुबह 10 बजे सप्लाई बहाल हो पाई।
संसाधनों की कमी भी मुसीबत
फॉल्ट ढूंढने में समय लगने के बारे में पूछने पर तकनीकी कर्मचारियों का कहना है कि कार्मिकों के पास रात को लंबी दूरी तक रोशनी डालने वाली टोर्च नहीं है जिससे मामूली सा फॉल्ट दिखाई नहीं दिया।
फॉल्ट ढूंढने में समय लगने के बारे में पूछने पर तकनीकी कर्मचारियों का कहना है कि कार्मिकों के पास रात को लंबी दूरी तक रोशनी डालने वाली टोर्च नहीं है जिससे मामूली सा फॉल्ट दिखाई नहीं दिया।
फीडर ज्यादा और कर्मचारी कम
उपखण्ड क्षेत्र में विद्युत सप्लाई के लिए बेकरिया, कागवास, बड़ली, देवला व कोटड़ा में 11 केवी के जीएसएस स्थित हैं जिनसे विभिन्न गांवों में सप्लाई के लिए 21 फीडर बनाए गए हैं। तकनीकी खामी को दुरुस्त करने के लिए हर फीडर पर एक तकनीकी कर्मचारी नियुक्त होता है। वर्तमान में 21 फीडरों को संभालने के लिए महज 17 कर्मचारी उपलब्ध हैं जिनमें से 2 कर्मचारी शारीरिक रूप से अक्षम हैं।
उपखण्ड क्षेत्र में विद्युत सप्लाई के लिए बेकरिया, कागवास, बड़ली, देवला व कोटड़ा में 11 केवी के जीएसएस स्थित हैं जिनसे विभिन्न गांवों में सप्लाई के लिए 21 फीडर बनाए गए हैं। तकनीकी खामी को दुरुस्त करने के लिए हर फीडर पर एक तकनीकी कर्मचारी नियुक्त होता है। वर्तमान में 21 फीडरों को संभालने के लिए महज 17 कर्मचारी उपलब्ध हैं जिनमें से 2 कर्मचारी शारीरिक रूप से अक्षम हैं।
लम्बे फीडर पर एकमात्र कर्मचारी
बड़ली जीएसएस से निकलने वाले मामेर फीडर की कुल दूरी करीब 250 किलोमीटर है। एेसे में एक कर्मचारी के लिए इतनी लम्बी लाइन का रखरखाव कर पाना मुश्किल है। इसी तरह अन्य फीडर की लाइन की लम्बाई करीब 100 किलोमीटर है।
बड़ली जीएसएस से निकलने वाले मामेर फीडर की कुल दूरी करीब 250 किलोमीटर है। एेसे में एक कर्मचारी के लिए इतनी लम्बी लाइन का रखरखाव कर पाना मुश्किल है। इसी तरह अन्य फीडर की लाइन की लम्बाई करीब 100 किलोमीटर है।
बिलवन जीएसएस से मिलेगी राहत
लाम्बा हल्दू के बिलवन में प्रस्तावित 132 जीएसएस के निर्माण के बाद क्षेत्रवासियों को बिजली संबंधी समस्या से छुटकारा मिल सकेगा। जीएसएस के लिए जमीन आवंटित हो चुकी है। शीघ्र ही इसके शिलान्यास की तैयारी है। मार्च 2021 से पूर्व इसका निर्माण पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।
लाम्बा हल्दू के बिलवन में प्रस्तावित 132 जीएसएस के निर्माण के बाद क्षेत्रवासियों को बिजली संबंधी समस्या से छुटकारा मिल सकेगा। जीएसएस के लिए जमीन आवंटित हो चुकी है। शीघ्र ही इसके शिलान्यास की तैयारी है। मार्च 2021 से पूर्व इसका निर्माण पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।
….
तकनीकी कर्मचारियों की कमी को देखते हुए यहां पर कर्मचारियों की मांग की गई है।
डीके सोनी, सहायक अभियंता एवीवीएनएल कोटड़ा
तकनीकी कर्मचारियों की कमी को देखते हुए यहां पर कर्मचारियों की मांग की गई है।
डीके सोनी, सहायक अभियंता एवीवीएनएल कोटड़ा