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2 कमरों में 206 विद्यार्थी, कैसे हो पढ़ाई

locationउदयपुरPublished: Sep 26, 2021 12:54:52 am

Submitted by:

jagdish paraliya

बच्चों के अनुपात में नहीं है कमरे

2 कमरों में 206 विद्यार्थी, कैसे हो पढ़ाई

2 कमरों में 206 विद्यार्थी, कैसे हो पढ़ाई

अब नामांकन बढ़ाकर कहां बैठाएं बच्चे
नयागांव (उदयपुर). राज्य सरकार व शिक्षा विभाग सरकारी विद्यालयों में नामांकन बढ़वाने के लिये शिक्षकों को घर-घर जाकर सम्पर्क करवा कर अभिभावकों को बालकों को सरकारी विद्यालय में प्रवेश करवाने के लिये प्रोत्साहित करवा रही है। शिक्षकों को सरकारी विद्यालयों में प्रवेश करवाने का लक्ष्य दिया गया। लेकिन आज भी कुछ ऐसे विद्यालय हैं जहां बच्चों को बैठाने की जगह तक नहीं है, ऐसे में इन विद्यालयों में नामांकन बढऩे के बाद बच्चों को कहां बैठाया जाए और कैसे उन्हें पढ़ाया जाए, यह व्यवस्था पर सवाल उठाता है।
ऐसा ही एक विद्यालय है राजकीय माध्यमिक विद्यालय पहाड़ा। यहां २ कमरे हैं और बच्चे २०६ हैं। राजकीय माध्यमिक विद्यालय पहाड़ा के हालात देखकर आश्चर्य होगा। विद्यालय में प्रधानाध्यापक कक्ष समेत कुल सात कमरें है। जिसमें से चार कमरों की हालत बिल्कुल जर्जर है। अभी बरसात के दिनों में भवन से पानी गिरता है। चार कमरों के ऊपर पट्टियां रखी हैं। एक कमरा प्रधानाध्यापक कक्ष तो दूसरे कमरें में परीक्षा कक्ष, खेल कक्ष, स्टाफ कक्ष बना हुआ है। जिससे विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिये 2 कमरे रहते हैं। दो कमरों में भी बारिश के दिनों में पानी टपकता है। और प्लास्टर बच्चों पर गिरता है।
संख्या के अनुपात में कमरे नहीं
विद्यालय में 206 छात्र अध्ययन करते हैं। जिसके अनुपात में कमरों की संख्या भी कम है। बालकों को बरामदे में बैठाना पड़ रहा है। जिससे बालकों के शिक्षण कार्य भी सही नहीं हो पाता है। दो कमरे में पांच.पांच कक्षाओं को बैठाकर अध्ययन कार्य करवाना पड़ रहा है। दसवीं व आठवीं कक्षा बोर्ड होने से अलग-अलग बठाकर अध्ययन कार्य करवाया जाता है। फिर भी छोटे बच्चे बाहर बरामदे में बैठते हैं जिससे अध्ययन कार्य सही नहीं हो पाता है।
शिक्षकों के पद रिक्त
विद्यालय में लम्बे समय से विषयाध्यापकों की भी कमी होने से काफी परेशानी है। विद्यालय में प्रधानाध्यापक का पद रिक्त है। साथ ही मुख्य विषय गणित का वर्ष 2013-14 से पद रिक्त है। संस्कृत का भी पद रिक्त है। विद्यालय में कनिष्ठ लिपिक का पद भी रिक्त होने से विद्यालय का समस्त कार्य अन्य शिक्षको ंको करना पड़ता है। विद्यालय में वर्तमान में दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद स्वीकृत है मगर एक भी नहीं है। जिससे उसके काम भी बच्चों व शिक्षकों को करने पड़ते हैं।
मैंने विभाग को कमरों की जर्जर होने की सूचना दे दी है। विद्यालय में कमरे नहीं होने से शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है। साथ ही शिक्षकों, एलडीसी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी नहीं है।
डिम्पल परमार, कार्यवाहक प्रधानाध्यापक
जर्जर कक्षा-कक्ष में अध्ययन कार्य नहीं करवाने के निर्देश संस्थाप्रधान को दे दिये हैं। जर्जर कमरों को ताले लगाकर बन्द करने को कहा गया है। साथ ही कमरों के लिये प्रस्ताव भी मंगवा लिया है।
रामकुमार मीणा, एडीपीसी, उदयपुर
विद्यालय के भवन की जर्जर स्थिति को विभाग को कई बार बता दिया गया है।कोई हादसा घटित हो, इससे पहले विभाग भवन की सुध ले।
सतवीर सिंह पहाड़ा, अध्यक्ष, अभिभावक समिति, रामावि पहाड़ा

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