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राजस्थान के धरतीपुत्रों के लिए आई अब ये खुशखबर.. केंद्र सरकार ने दिए ये निर्देश

locationउदयपुरPublished: Oct 05, 2017 08:29:41 pm

Submitted by:

Prakash Kumawat

बनेंगे नए 22 कलस्टर, मिलेगा अनुदान, वर्षा आधारित क्षेत्र विकास कार्यक्रम

farmers
उदयपुर . प्रदेश के वर्षा आधारित क्षेत्रों में कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 22 कलस्टर बनाए जाएंगे। इसमें चयनित किसानों को कृषि को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यों पर अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए केन्द्र सरकार ने प्रदेश में 22 नए कलस्टर्स बनाने को कहा है। हालांकि इसके लिए केन्द्र सरकार कोई अनुदान नहीं देगी। अनुदान राशि राज्य सरकार वहन करेगी। योजना के तहत सूखे, बाढ़, असामान्य वर्षा के दौरान फसल नुकसान आदि में भी कृषकों को आर्थिक सहायता मिल सकेगी।
सहायक गतिविधियों से मिलेगा लाभ: योजना के तहत किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए किसानों को विधिवत और पारंपरिक खेती के साथ सहायक गतिविधियों के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसमें खेत तलाई, फार्म निर्माण, डीजल पम्प आपूर्ति, वर्मी कम्पोस्ट इकाई, उद्यानिकी आदि गतिविधियां शामिल होंगी। सहायक गतिविधियों को करने के लिए सरकार अनुदान देगी। इससे फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को सहायक गतिविधियों से सहायता मिलेगी। जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
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ये है योजना का उद्देश्य

योजना के तहत कृषि को जलवायु के प्रति सहनशील बनाने, मृदा एवं नमी संरक्षण से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य प्रबंध तकनीक का पालन, प्रति बूंद अधिक फसल उत्पादन के लिए जल प्रबंध को प्रोत्साहन व कृषकों की दक्षता में वृद्धि के लिए कार्य करना। क्षेत्र विशेष में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों (खेत तलाई, नर्सरी, भूमि विकास आदि) का सर्वोत्तम उपयोग के लिए किसानों को प्रेरित करना।
सौ हैक्टेयर पर बनेगा कलस्टर
योजना में चयनित कलस्टर में सर्वे के आधार पर 150 हैक्टेयर भूमि को चयनित किया जाएगा। इसमें से सौ हैक्टेयर क्षेत्र के योग्य किसानों को योजना में शामिल किया जाएगा। अनुदान राशि प्राप्त करने के लिए विधिवत कृषि पद्धति के साथ समन्वित कृषि पद्धति को भी अपनाना होगा। किसान एक से अधिक कृषि पद्धति अपना सकेंगे। प्रत्येक किसान को अधिकतम 2 हैक्टेयर क्षेत्र के लिए एक लाख रुपए तक का अनुदान मिलेगा। खेत तलाई निर्माण, जीर्णोद्धार पोली हाउस के लिए सीमा तय नहीं होगी। पचास प्रतिशत आवंटन राशि का उपयोग लघु व सीमांत कृषकों को, 30 प्रतिशत महिला कृषकों को, 16 प्रतिशत अनुसूचित जाति व 8 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति को मिलेगा।
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