फलासिया पंचायत समिति क्षेत्र में शुक्रवार को मानसून ने दस्तक दी और लगभग पूरे क्षेत्र में पन्द्रह से तीस मिनट तक हल्की से तेज बरसात का दौर चला। बरसात से पहली चली तेज हवाओं ने तीन दर्जन से ज्यादा बड़े पेड़ों को लपेटे में लेते हुए धराशायी कर दिया । ये सभी पेड़ विद्युत लाइनों से सटे होने से सीधे तारों पर ही गिरे, जिससे कई जगह तार टूट गए। इससे फलासिया पंचायत समिति मुख्यालय सहित फलासिया की 28 में से चौबीस पंचायतों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई । महज बावलवाड़ा फीडर से जुड़ी डैया-अंबासा क्षेत्र की चार पंचायतों में ही आपूर्ति सुचारु रही। दुर्गम पहाडिय़ों और जंगलों से गुजरने वाली इन विद्युत लाईनों की मरम्मत करने में निगम के तकनीकी कर्मचारी शनिवार देर शाम तक लगे रहे। चौबीस घंटे बाद शनिवार दोपहर तक डेढ़ दर्जन पंचायतों में बिजली बहाल हो पाई ।
इधर, क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि निगम द्वारा विगत दो माह से मानसून पूर्व रखरखाव एवं मरम्मत के नाम पर डेढ़ दर्जन से ज्यादा बार दिनभर बिजली आपूर्ति बंद रखी गई, इसके बावजूद पहली बरसात में ही विद्युत आपूर्ति होने से निगम के कार्यों की पोल खोल दी।
अदवास ञ्च पत्रिका. मेवल क्षेत्र की चार पंचायतों के ३० गांवों में मानसून पूर्व की बरसात से पहले ही बिजली गुल होने से ग्रामीणों में रोष ह। जावद पावर हाउस पर शुक्रवार शाम 5 बजे गुल हुई बिजली शनिवार को १५ घंटे बाद बहाल हो पाई। बिजली के अभाव में अदवास, जावद, सेमाल, नईझर ग्राम पंचायतों के 30 गांवों के लोगों ने रात अन्धेरे में गुजारी। ग्रामीणों का आरोप है कि निगम की लापरवाही से गांवों में कभी दिन तो कभी रात में अचानक बिजली गुल हो जाती है। बिजली वापस कब आएगी इसका जवाब निगम के कर्मचारी व अधिकारी के पास भी नहीं है। बिजली बंद होने के दौरान कर्मचारियों के मोबाइल स्विच ऑफ हो जाते हैं। समस्या को लेकर ग्रामीणों ने जिला कलक्टर व सम्पर्क पोर्टल पर शिकयत दर्ज करवाई किन्तु कोई हल नहीं निकला।