scriptयहां हर रोज तैयार हो रहे 4 से 5 हजार पार्थ‍िव श‍िवल‍िंग, सवा लाख बनने पर होगा अनुष्‍ठान | 4-5 thousand Parthiv Shivalingas Are being prepared Every day, Menar | Patrika News

यहां हर रोज तैयार हो रहे 4 से 5 हजार पार्थ‍िव श‍िवल‍िंग, सवा लाख बनने पर होगा अनुष्‍ठान

locationउदयपुरPublished: Jul 15, 2020 03:22:26 pm

Submitted by:

madhulika singh

मेनार में ब्रह्मम सागर किनारे सवा लाख मिट्टी के शिवलिंग से पार्थिव अनुष्ठान

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मेनार. भगवान शिव के अतिप्रिय महीने सावन महीने में शिव भक्त भी भोले की भक्ति में रमे नजर आ रहे हैं। जिले के मेनार स्थित ब्रह्म सागर शिव प्रतिमा के पास महादेव मन्दिर में पार्थिव शिवलिंग निर्माण पूजा अर्चना एवं विसर्जन अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। इस अनुष्ठान की शुरुआत सावन के पहले सोमवार से हुई है। पंडित मुकेश चौबीसा एव प्रवीण चौबीसा ने बताया कि पार्थिव शिवलिंग पूजन सर्वमनोकामना पूर्ण करने वाला अनुष्ठान है। पूजन के तहत पूरे श्रावण मास में पंडितों द्वारा सवा लाख मिट्टी के शिवलिंग बनाने का संकल्प है । प्रतिदिन 4 से 5 हजार शिवलिंग मिट्टी से पंडितों द्वारा तैयार किये जा रहे हैंं नित नये , वार के अनुसार उसको आकार दिया जा रहा है। सोमवार को विशेष पूजा अर्चना की जा रही है भगवान शिव की प्रिय वस्तुओं जैसे भांग, धतूरा, पुष्प और मिठाई आदि से उनका पूजन किया जाता है। भक्तों का मानना है कि सावन के पवित्र महीने मंदिर की अपेक्षा पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने पर 10 गुना अधिक फल मिलता है। शिवलिंग की पूजा अर्चना के बाद उन्हें ब्रम्ह सरोवर में विसर्जित किया जा रहा है। जलकल्याण की भावना लिए कोरोना से मुक्ति , विश्व कल्याण, सुवृष्टि और उन्नति के लिए ये अनुष्ठान किया जा रहा है।
ऐसे बनाए जाते हैं पार्थिव शिवलिंग

भगवान शिव की पार्थिव पूजा का विशेष महत्व माना जाता हैं क्योंकि पंचतत्वों में भगवान शिव पृथ्वी तत्व के अधिपति हैं। पार्थिव शिवलिंग एक या दो तोला शुद्ध मिट्टी लेकर बनाए जाते हैं। इस शिवलिंग को अंगूठे की नाप का बनाया जाता है। भोग और मोक्ष देने वाले इस पार्थिव शिवलिंग के पूजन को किसी भी नदी, तालाब के किनारे, शिवालय अथवा किसी भी पवित्र स्थान पर किया जा सकता है। पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह रखकर शिवलिंग बनाया जाता है।
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