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बिना प्रेक्टिकल पास होकर अगली कक्षाओं में जाएंगे 4 हजार विद्यार्थी!

locationउदयपुरPublished: Jun 17, 2021 07:21:24 am

Submitted by:

bhuvanesh pandya

– विभिन्न विषयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों का प्रायोगिक ज्ञान रहेगा अधूरा
– मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय

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मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय

भुवनेश पंड्या
विद्यार्थी के लिए प्रेक्टिकल यानी प्रायोगिक बेहद जरूरी है, जब तक वह थ्योरी को खुद लैब में करके नहीं देखेगा तो बेहतर तरीके से समझेगा सीखेगा कैसे ?। जहां विभिन्न विषयों की प्रेक्टिकल कक्षाएं भी अधूरी रही, वहीं अब प्रेक्टिकल परीक्षा भी नहीं होने के संकेत हैं, यानी बिना प्रेक्टिकल के ही करीब 4 हजार विद्यार्थी पास होकर अगली कक्षाओं में पहुंच जाएंगे। आम तौर पर पीजी कक्षाओं के प्रेक्टिकल दिसम्बर तक पूरे हो जाते हैं, जबकि यूजी के फरवरी व मार्च तक हो जाते हैं।
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उदयपुर. मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के विभिन्न विषयों में अध्ययनरत करीब 4 हजार विद्यार्थी बिना प्रेक्टिकल के अगली कक्षा में प्रवेश कर जाएंगे। पिछली बार भी अधूरी कक्षाओं के प्रेक्टिकल हो पाए जबकि इस बार भी प्रेक्टिकल परीक्षाओं पर तलवार लटक गई है। अब तक राज्य सरकार ने ये स्पष्ट नहीं किया है कि इन विद्यार्थियों की प्रेक्टिकल परीक्षाएं होंगी या नहीं, लेकिन स्थानीय स्तर पर तो विद्यार्थियों से लेकर फैकल्टी तक आश्वस्त है कि इस बार तो प्रेक्टिकल होंगे ही नहीं। कोरोना को लेकर राज्य सरकार ने राज्य स्तरीय कमेटी बनाई और कमेटी ने परीक्षाओं को लेकर अपनी अनुशंसा राज्य सरकार को सौंपी है, लेकिन अब तक इसे लेकर स्थानीय विश्वविद्यालय व कॉलेजों के पास कोई निर्देश नहीं आए हैं।
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इतने विद्यार्थी इन विषयों में जो बिना प्रेक्टिकल के आगे बढ़ जाएंगे

…विज्ञान विषय

बीएससी-यूजी 2600

एमएससी-पीजी 600

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-भूगोल विषय

फस्र्ट इयर- 40

थर्ड सेमेस्टर- 35
यूजी- स्नातक- 450

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इंग्लिश लेग्वेज लैब-

अंग्रेजी- 16

– फ्रेंच व जर्मन- 20-20

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विजुअल आटर्सपीजी- 24

यूजी- 60

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कुल विद्यार्थियों की संख्या- 3865
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अब तक तो नहीं हुए प्रेक्टिकल, आगे के निर्देश नहीं विज्ञान महाविद्यालय के डीन प्रो जीएस राठौड़ ने बताया कि विज्ञान विषय में प्रेक्टिकल बेहद जरूरी है, लेकिन कोरोना के कारण इन्हें रोका गया है, अब तक किसी भी कक्षा के प्रेक्टिकल नहीं हुए हैं। सरकार के निर्देशानुसार आगे की परीक्षा योजना बनाएंगे, फिलहाल तो कोई आदेश आया नहीं है।
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.भूगोल विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बताया गया कि विद्यार्थियों से प्रेक्टिकल करवाने के लिए पूछा गया था, लेकिन विद्यार्थियों ने प्रेक्टिकल रोकने की बात कही थी, हालांकि इसे लेकर फिलहाल ये स्पष्ट नहीं है कि आगे क्या होगा। लेकिन विद्यार्थियों से लेकर शिक्षक इस बार प्रेक्टिकल परीक्षा नहीं होने की ही बात कह रहे हैं।
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इंग्लिश लेंग्वेज लैब के बारे में अंग्रेजी विभाग के प्रो डॉ प्रदीप त्रिखा ने बताया कि इंग्लिेश लेग्वेज लैब में यदि प्रेक्टिकल यहां लैब में आकर भी नहीं होता तो भी कोई समस्या की बात नहीं है, इसका कारण है कि इसमें अंग्रेजी को किस तरह से बोला जाना है, कौनसे शब्द का उच्चारण कैसे करना है से सिखाया जाता है, इसे हम नियमित ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं, ये विषय ऑनलाइन माध्यम से बेहतर तरीके से पढ़ाया जा सकता है।.
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विजुअल आर्टस के प्रो हेमन्त द्विवेदी ने बताया कि कोरोना के कारण प्रेक्टिकल रोके गए थे, आगे से यदि सरकार निर्देश देती है तो हम इसके आधार पर काम करेंगे।

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