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उदयपुर

पानी की निकासी को लेकर ग्राम पंचायत स्तर पर बनाया नाला चढ़ गया भ्रष्टाचार की भेंट !

कस्बे के ब्रह्म सागर तालाब में गिर रहे नालियों के गंदे पानी को रोकने व आबादी क्षेत्र से बरसाती पानी की निकासी को लेकर ग्राम पंचायत स्तर पर बनाया गया नाला भ्रष्टाचार corruption की भेंट चढ़ गया है। बालिका स्कूल के समीप से गुजरते नाले के नियमित धंसने की शिकायतें बनी हुई है। मनमानी पूर्वक बनाए गए नाले की कहीं गहराई चार फीट तो कहीं पांच फीट है। इसके अलावा 12 मासी गंदगी की भेंट चढ़े हुए इस नाले का निर्माण अब जगह-जगह से दम तोडऩे लगा है। ऐसे में धंसता हुआ निर्माण आए दिन वाहन चालकों को दुर्घटना accident की ओर धकेल रहा है। इसके अलावा पट्टियों से ढके नाले के नीचे जमा गंदगी बीमारी को न्योता दे रही है। पट्टियां मामूली वजन के साथ टूटकर नीचे गिर रही हैं।

उदयपुरJul 06, 2019 / 04:12 pm

Sushil Kumar Singh

udaipur

40 लाख के निर्माण से आ रही है ‘घोटाले की बू

उदयपुर/मेनार. कस्बे के ब्रह्म सागर तालाब में गिर रहे नालियों के गंदे पानी water pollution को रोकने व आबादी क्षेत्र से बरसाती पानी की निकासी को लेकर ग्राम पंचायत स्तर पर बनाया गया नाला भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। बालिका स्कूल के समीप से गुजरते नाले के नियमित धंसने की शिकायतें बनी हुई है। मनमानी पूर्वक बनाए गए नाले की कहीं गहराई चार फीट तो कहीं पांच फीट है। इसके अलावा 12 मासी गंदगी की भेंट चढ़े हुए इस नाले का निर्माण अब जगह-जगह से दम तोडऩे लगा है। ऐसे में धंसता हुआ निर्माण आए दिन वाहन चालकों को दुर्घटना की ओर धकेल रहा है। इसके अलावा पट्टियों से ढके नाले के नीचे जमा गंदगी बीमारी को न्योता दे रही है। पट्टियां मामूली वजन के साथ टूटकर नीचे गिर रही हैं।
गौरतलब है कि कच्चे नाले को पक्का करने के लिए जिला प्रमुख सहित अन्य दो मद से बजट जारी हुआ था। स्थानीय लोगों ने नाला निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दबाव रहित एजेंसी से मामले की जांच कराने की मांग की है।

तालाब तक था निर्माण, बदली दिशा
प्रस्ताव और स्वीकृति के तहत नाला निर्माण बालिका स्कूल मार्ग से पीपली चौक होते हुए धण्ड तालाब के रपट नाले तक होना था। लेकिन, नाले को श्मशान होते हुए बरोडिय़ा मार्ग के कोने से धण्ड तालाब की ओर से ले जाने की बजाए समिति मार्ग पर मोड़ दिया गया। वहां निर्माण रोकने के साथ ही इसे आबादी सीमा समाप्त होने के साथ खुला छोड़ दिया गया।
मवेशियों की मौत
निर्माण की खामियों के बीच अब तक दो दर्जन से अधिक पशु घायल हो चुके हैं। वहीं तीन दुधारू मवेशियों की मौत हो चुकी है। आर्थिक नुकसान के बीच पशुपालकों की ओर से जिला प्रमुख की उपस्थिति में हंगामा भी हुआ था। घटिया निर्माण को लेकर भी सवाल उठाए थे, लेकिन किसी भी स्तर पर इसकी जिम्मेदारी से जांच नहीं हुई।
कोई कार्रवाई नहीं
गुणवत्ता विहिन नाला निर्माण को लेकर मैंने जिला प्रमुख से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तत्कालीन ग्राम सचिव ने संबंधित 40 लाख रुपए की राशि कहां खर्च की। इसका भी हिसाब नहीं है। नाले को पूरी तरह ढका भी नहीं गया है। एक बार फिर इसकी शिकायत करेंगे। – शंकरलाल मेनारिया, उपसरपंच, ग्राम पंचायत मेनार
मेरा कार्यकाल नहीं
नाले के घटिया निर्माण व खामियों की मुझे जानकारी नहीं है। ये निर्माण मेरे कार्यकाल में नहीं हुआ। वर्ष 2016-17 में हुआ था। ग्रामीणों की शिकायत पर हमने इसकी मरम्मत कराई थी। शिकायतों के लिए उच्चाधिकारियों को जानकारी देंगे। – सीमा रावल, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत मेनार
…तो होगी कार्रवाई
मेनार ग्राम पंचायत में दो से तीन मदों से स्वीकृत राशि से नाला निर्माण हुआ है। मामले की जांच कराते हैं। दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। – जितेंद्र सिंह राजावत, विकास अधिकारी, पंचायत समिति भींडर

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