तालाब तक था निर्माण, बदली दिशा
प्रस्ताव और स्वीकृति के तहत नाला निर्माण बालिका स्कूल मार्ग से पीपली चौक होते हुए धण्ड तालाब के रपट नाले तक होना था। लेकिन, नाले को श्मशान होते हुए बरोडिय़ा मार्ग के कोने से धण्ड तालाब की ओर से ले जाने की बजाए समिति मार्ग पर मोड़ दिया गया। वहां निर्माण रोकने के साथ ही इसे आबादी सीमा समाप्त होने के साथ खुला छोड़ दिया गया।
निर्माण की खामियों के बीच अब तक दो दर्जन से अधिक पशु घायल हो चुके हैं। वहीं तीन दुधारू मवेशियों की मौत हो चुकी है। आर्थिक नुकसान के बीच पशुपालकों की ओर से जिला प्रमुख की उपस्थिति में हंगामा भी हुआ था। घटिया निर्माण को लेकर भी सवाल उठाए थे, लेकिन किसी भी स्तर पर इसकी जिम्मेदारी से जांच नहीं हुई।
गुणवत्ता विहिन नाला निर्माण को लेकर मैंने जिला प्रमुख से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तत्कालीन ग्राम सचिव ने संबंधित 40 लाख रुपए की राशि कहां खर्च की। इसका भी हिसाब नहीं है। नाले को पूरी तरह ढका भी नहीं गया है। एक बार फिर इसकी शिकायत करेंगे। – शंकरलाल मेनारिया, उपसरपंच, ग्राम पंचायत मेनार
नाले के घटिया निर्माण व खामियों की मुझे जानकारी नहीं है। ये निर्माण मेरे कार्यकाल में नहीं हुआ। वर्ष 2016-17 में हुआ था। ग्रामीणों की शिकायत पर हमने इसकी मरम्मत कराई थी। शिकायतों के लिए उच्चाधिकारियों को जानकारी देंगे। – सीमा रावल, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत मेनार
मेनार ग्राम पंचायत में दो से तीन मदों से स्वीकृत राशि से नाला निर्माण हुआ है। मामले की जांच कराते हैं। दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। – जितेंद्र सिंह राजावत, विकास अधिकारी, पंचायत समिति भींडर