READ MORE : VIDEO : लोक और सूफी संगीत की स्वर लहरियों पर जमकर झूमे लोग, देखें वीडियो… कुछ तो बात है नई पीढ़ी में इस दौरान उपस्थित वरिष्ठ कवियों ने इस बात को रेखांकित किया कि बड़े मंचों पर भले ही कतिपय रचनाकार मौलिक काव्यपाठ की जगह चुटकुले सुना रहे हैं। लेकिन, इस कार्यक्रम से जुड़े युवा रचनाकारों की संवाद अदायगी और सोच की दिशा एक सकारात्मक माहौल बना रही है। एेसे में उम्मीद बंधती है कि नई पीढ़ी इस विरासत को सहेजने में सफल हो सकेगी। संयोजिका रेखा सिसोदिया ने बताया कि इस आयोजन में अध्यक्ष अशफाक नूर ख़ान, अब्दुल मुबीन खान, मोहम्मद रिजवान, अगस्त हार्दिक नागदा, ऋषभ यादव, योगिता सिसोदिया, कुमुद, जतिन, धर्मेंद्र, आकांक्षा, महेश आदि ने सहभागिता निभाई।