—- अधिक उम्र होने के साथ ही साथ हृदय की बीमारी एवं अन्य बीमारियाँ होने की वजह से ऑपरेशन में खतरा था, लेकिन बीमारी की वजह से होने वाली परेशानी को देखते हुए ऑपरेशन का निर्णय किया गया। डॉ. प्रकाश जैन ने बताया कि गर्भाशय एवं अण्डाशय की गाँठ दोनों के ऑपरेशन को बिना चीरे वाले तरीके से करने का निर्णय लिया गया। डॉ दीपक सेठी ने बताया कि मूत्र की थैली की पथरी भी बिना चीरे के तरीके से योनि मार्ग से ही निकालने का निर्णय लिया गया। मूत्र की थैली से 243 पथरियाँ निकाली गई। डॉ. सेठी ने बताया कि पथरियाँ 4 से 14 एमएम के आकार की थी। तीन घंटों के इस ऑपरेशन में डॉ अर्चना बामनिया, कमलनयन शर्मा, डा. रवीन्द्रसिंह, डॉ शरद गुप्ता, डॉ दिनेश डिडवानियां, डॉ संगीता व डॉ मोििनका ने सहयोग किया।