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यहां तीन सत्रों में बंद हुए 78 विद्यालय, सैकड़ों बच्चों ने किया शिक्षा से किनारा, जाने पूरा मामला…

locationउदयपुरPublished: Jan 13, 2019 01:52:37 pm

– विद्यालय पुन: खुलने की ग्रामीणों को आस

शुभम कड़ेला/मावली. एक ओर जहां राज्य सरकार स्कूलों में नामांकन बढ़ाने पर जोर दे रही है तथा इसके लिए प्रवेशोत्सव सहित विविध कार्यक्रम के निर्देश दे रही है वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग की ओर से पिछले 5 वर्षों में कई प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर अन्य में मर्ज कर दिया गया है। जिले के मावली ब्लॉक में तीन सत्रों में विभाग ने करीब 78 विद्यालयों को बंद कर अन्य विद्यालयों में समन्वित किया है। जिससे विद्यार्थियों को कई जटिल परेशानियों का सामना कर विद्यालय पहुंचना पड़ रहा है। विद्यालयों के बंद होने से कई विद्यार्थियों ने स्कूल से किनारा किया, तो कई विद्यार्थियों का रुझान निजी विद्यालयों की ओर बढ़ा। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग ने कई विद्यालयों को पर्याप्त नामांकन होने के बावजूद न्यून नामांकन के बहाने बंद कर दिया। जिससे अब नन्हे बच्चे अधिक दूरी पर स्थित विद्यालय जाने में असमर्थ है। इधर, मावली ब्लॉक में बंद हुए विद्यालयों के भवन में नाकारा पड़े हैं। जिनका वर्तमान में रखरखाव नहीं किया जा रहा है। जिससे दिन ब दिन इनकी स्थिति और अधिक खराब हो रही है। साथ ही ये विद्यालय परिसर में मवेशियों की शरणगाह बन गए हैं। जहां ये खुले आम विचरण कर रहे हंै। इसके साथ ही विद्यालयों को बंद करने से उस क्षेत्र की बालिकाएं अन्यत्र दूर स्थित विद्यालय जाने में असमर्थ है। जिन्हें मजबूरन पढाई से दूरी बनानी पड़ रही है।
सत्र 14-15 में बंद हुए 60 विद्यालय

मावली ब्लॉक के कुल 60 विद्यालय सत्र 2014-15 में राज्य सरकार की ओर से बंद कर अन्य विद्यालयों में समन्वित किए गए। इसमें राजस्व ग्राम थामला के प्रावि मामादेव को राप्रावि नया खेत में, राजस्व ग्राम फलीचड़ा के प्रावि चमारिया खेड़ा को राप्रावि भोजलाई में, राजस्व ग्राम धनेरिया के प्रावि बाजरा खेत को राउप्रावि धनेरिया में, राजस्व ग्राम चीपीखेड़ा के प्रावि मेघवाल बस्ती को उप्रावि चीपीख्ेाडा़ में, राजस्व ग्राम घासा के राबाप्रावि घासा को रामावि घासा में, राजस्व ग्राम डबोक के राबाप्रावि डबोक को रामावि डबोक में, राजस्व ग्राम धोलीमगरी के राप्रावि धोलीमगरी को रामावि धोलीमगरी में, राजस्व ग्राम खरताणा के राप्रावि खरताणा में रामावि खरताणा में , राजस्व ग्राम ढुंढिया के राप्रावि ढुंढिया को रामावि ढुंढिया में, राजस्व ग्राम बांसलिया के राप्रावि बांसलिया को रामावि बांसलिया में, राजस्व ग्राम बडियार के राप्रावि बडियार को रामावि बडियार में, राजस्व ग्राम बोयणा के राप्रावि बोयणा को रामावि बोयणा में, राजस्व ग्राम बडग़ांव के राप्रावि बडग़ांव को रामावि बडग़ांव में, राजस्व ग्राम मांगथला के राप्रावि मांगथला को रामावि मांगथला में, राजस्व ग्राम महुड़ा के राप्रावि महुड़ा को रामावि महुड़ा में, राजस्व ग्राम माणकावास के प्रावि मादरेचो का गुड़ा को रामावि मांगथला में, राजस्व ग्राम मोरठ के राप्रावि मोरठ को रामावि मोरठ में, राजस्व ग्राम मेड़ता के राप्रावि मेड़ता को रामावि मेड़ता में, राजस्व ग्राम वीरधोलिया के राप्रावि वीरधोलिया को रामावि वीरधोलिया में, राजस्व ग्राम विजनवास के राप्रावि विजनवास को रामावि विजनवास में, राजस्व ग्राम भीमल के राप्रावि भीमल को रामावि भीमल में, राजस्व ग्राम भानसोल के राप्रावि भानसोल को रामावि भानसोल में, राजस्व ग्राम पलानाखुर्द के राप्रावि पलाना खुर्द को रामावि पलानाखुर्द में, राजस्व ग्राम रख्यावल के राप्रावि रख्यावल को रामावि रख्यावल में, राजस्व ग्राम बांसलिया के राप्रावि रेड प्रथम को रामावि बांसलिया में, राजस्व ग्राम सांगवा के राप्रावि सांगवा को रामावि सांगवा में, राजस्व ग्राम चंगेड़ी के प्रावि साबलपुरा को रामावि चंगेड़ी, राजस्व ग्राम साकरिया खेड़ी के प्रावि साकरिया खेड़ी को रामावि साकरिया खेड़ी में, राजस्व ग्राम वारणी के प्रावि वारणी को रामावि वारणी में, राजस्व ग्राम वासनी कलां के प्रावि वासनी कलां को रामावि वासनी कलां में, राजस्व ग्राम बडियार के प्रावि वाड़ा को रामावि बडियार में, राजस्व ग्राम चंगेड़ी के प्रावि चंगेड़ी को रामावि चंगेड़ी में, राजस्व ग्राम चंदेसरा के प्रावि चंदेसरा को रामावि चंदेसरा में, राजस्व ग्राम फलीचड़ा के प्रावि फलीचड़ा को रामावि फलीचड़ा, राजस्व ग्राम जावड़ के प्रावि जावड़ को रामावि जावड़ में, राजस्व ग्राम नामरी के प्रावि नामरी को रामावि नामरी में, राजस्व ग्राम नांदवेल के प्रावि नांदवेल को रामावि नांदवेल में, राजस्व ग्राम नउवा के प्रावि नउवा को रामावि नउवा में, राजस्व ग्राम नुरडा के प्रावि नुरडा को रामावि नुरडा में, राजस्व ग्राम आमली के प्रावि आमली को रामावि आमली में, राजस्व ग्राम गादोली के प्रावि गादोली को रामावि गादोली में, राजस्व ग्राम गोविन्दपुरा के प्रावि गोविन्दपुरा को रामावि गोविन्दपुरा में, राजस्व ग्राम लोपड़ा के प्रावि लोपड़ा को रामावि लोपड़ा में, राजस्व ग्राम लदानी के राप्रावि लदानी को रामावि लदानी में, राजस्व ग्राम खेमपुर के प्रावि खेमपुर को राउमावि खेमपुर, राजस्व ग्राम खेमली के प्रावि खेमली स्टेशन को राउमावि खेमली स्टेशन में, राजस्व ग्राम ईण्टाली के प्रावि ईण्टाली को राउमावि ईण्टाली में, राजस्व ग्राम थामला के राप्रावि थामला को राउमावि थामला में, राजस्व ग्राम सिन्दू के राप्रावि सिन्दू को राउमावि सिन्दू में, राजस्व ग्राम पलाना कलां के प्रावि पलाना कलां को राउमावि पलाना कलां में, राजस्व ग्राम आसोलिया की मादड़ी में प्रावि आसोलिया की मादड़ी को राउमावि आसोलिया की मादड़ी में, राजस्व ग्राम गुड़ली के प्रावि गुड़ली को राउमावि गुड़ली में, राजस्व ग्राम तुलसीदास की सराय के उप्रावि बेमला को रामावि तुलसीदास की सराय में, राजस्व ग्राम नाहरमंगरा के उप्रावि नाहरमंगरा को राउमावि नाहरमंगरा में, राजस्व ग्राम घासा के उप्रावि घासा को राउमावि घासा में, राजस्व ग्राम मावली के उप्रावि मावली स्टेशन प्रथम एवं द्वितीय, राउप्रावि चमनपुरा को राउमावि मावली में, राजस्व ग्राम सालेराकलां के उप्रावि सालेराकलां को राउमावि सालेराकलां में, राजस्व ग्राम डबोक के उप्रावि डबोक को राउमावि डबोक में समन्वित किया गया।
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सत्र 16-17 में 16 बंद

मावली ब्लॉक में सत्र 2016-17 में राज्य सरकार द्वारा 16 विद्यालयों को बंद कर अन्य विद्यालयों में समन्वित किया गया। इसमें राजस्व ग्राम थामला के प्रावि माल को राप्रावि नयाखेत में, राजस्व ग्राम मोटी खेटी के प्रावि भील बस्ती को राउप्रावि मोटीखेडी में, राजस्व ग्राम साकरिया के प्रावि साकरोदा को राउमावि साकरोदा में, राजस्व ग्राम सुपारिया खेड़ा के प्रावि सुपारिया खेड़ा को राप्रावि देवजी का खेड़ा में, राजस्व ग्राम मावली के प्रावि डबकुडी को राप्रावि उंखलिया मगरी में, राजस्व ग्राम चुण्डावत खेडी के प्रावि डोकर मंगरी को रामावि बडगांव में, राजस्व ग्राम वाड़ी के प्रावि वाड़ी को राउप्रावि आकोदड़ा में, राजस्व ग्राम नुरडा के प्रावि चारणिया तलाई को राउप्रावि पीपरोली में, राजस्व ग्राम चुण्डावत खेडी के प्रावि चारछडों का कुंआ को राउप्रावि चुण्डावत खेड़ी में, राजस्व ग्राम जेवाणा के प्रावि जेवाणा को राउमावि जेवाणा में, राजस्व ग्राम खाम की मादडी के प्रावि नोहरापुर को राउप्रावि खाम की मादडी, राजस्व ग्राम मावली के बाउप्रावि मावली गांव को राबाउमावि मावली गांव में, फतहनगर-सनवाड़ नगरपालिका क्षेत्र के बाउप्रावि सनवाड़ को राबाउमावि सनवाड़ में, राबाउप्रावि फतहनगर को राबाउमावि फतहनगर में, राउप्रावि सनवाड़ को राउमावि सनवाड़ में, राउप्रावि फतहनगर को राउमावि फतहनगर में समन्वित किया गया।
सत्र 17-18 में 2 बंद
मावली ब्लॉक में सत्र 2017-18 में 2 विद्यालयों को बंद कर अन्य विद्यालयों में समन्वित किया गया। जिसमें राजस्व ग्राम मठ चौरंग्यान के प्रावि मठचौरंग्यान को राउप्रावि जावदा में एवं राजस्व ग्राम बोयणा के उप्रावि भोपतखेडी को रामावि बोयणा में समन्वित किया गया।
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इनका कहना है
बंद स्कूलों की सूचना जिला कार्यालय से मांगी गई है। – प्रकाशचंद्र चौधरी, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मावली
मामला 1

मावली मुख्यालय पर स्थित तीन विद्यालयों को राज्य सरकार ने बंद कर राउमावि मावली में समन्वित कर दिया। जिससे कस्बे के विभिन्न इलाको में रहने वाले विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है। इधर, कस्बे के रेलवे कॉलोनी स्थित राउप्रावि मावली स्टेशन प्रथम को बंद करने से गारियावास, रेलवे कॉलोनी एवं आसपास के छोटे बच्चों को अध्ययन के लिए दूर स्थित राउमावि मावली जाना पड़ रहा है। ये विद्यार्थी मावली जंक्शन की रेल पटरियों से गुजरकर विद्यालय पहुंचत है, जिससे हरपल हादसे का अंदेशा भी बना रहता है। साथ ही राउप्रावि चमनपुरा बंद होने से विद्यार्थियों को फोरलेन पार कर विद्यालय पहुंचना पड़ रहा है। इस दौरान हादसे का भी भय बना रहता है। इस कारण इन इलाकों के कई बच्चे अधिक दूरी पर स्थित विद्यालय न जाकर निजी विद्यालयों की ओर अग्रसर हो रहे हैं।

मामला 2

बडियार ग्राम पंचायत के प्रावि वाड़ा को बंद कर राउमावि बडियार में समन्वित कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उपसरपंच पुष्कर गुर्जर ने बताया कि वाड़ा विद्यालय में पर्याप्त 40 बच्चों का नामांकन होने के बावजूद इस विद्यालय को बंद कर दिया। जिससे अब यहां के विद्यार्थियों को 2 किलोमीटर दूर राउमावि बडियार जाना पड़ रहा है। इन विद्यार्थियों को मावली-नाथद्वारा नेशनल हाईवे मार्ग 162 ई को पार कर विद्यालय जाना पड़ रहा है। साथ ही बारिश के दौरान मार्ग पर बने नाले पर पानी आ जाने से इन्हें आने जाने में परेशानी होती है।

विद्यालय पुन: खुलने की ग्रामीणों को आस
मावली ब्लॉक में बंद हुए 78 विद्यालयों की फिर से एक बार खुलने की आस ग्रामीणों में है। मौजूद राज्य सरकार ने घोषणा पत्र में इन सभी बंद विद्यालयों को पुन: संचालित करने की बात कही है।
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