उदयपुर-अहमदाबाद, चित्तौडगढ़़ हाइवे व शहर में आए दिन हादसों से कई घर रूदन, क्रंदन से गूंजते हैं। उदयपुर जिले में पिछले 2 वर्ष में 42 थानाक्षेत्र में 2703 दुर्घटनाएं हुई, इनमें 1034 लोग मारे गए तो 3236 लोग घायल हुए। पिछले 6 माह के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2024 हादसों में गंभीर घायल एमबी चिकित्सालय पहुंचे, इनमें 25 फीसदी लोगों की मौत हो गई।
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जिले में विगत 6 माह में हुई सडक़ दुर्घटनाएं
कुल दुर्घटनाएं – 2024 घायल पुरुष – 1840
घायल महिलाएं – 380 मृतक 457
— इस समय सर्वाधिक दुर्घटनाएं
– शाम 6 से 10 बजे – 609 हादसे
कुल दुर्घटनाएं – 2024 घायल पुरुष – 1840
घायल महिलाएं – 380 मृतक 457
— इस समय सर्वाधिक दुर्घटनाएं
– शाम 6 से 10 बजे – 609 हादसे
– रात 12 से तडक़े 6 बजे- 416 हादसे
– दोपहर 12 से शाम 4 बजे – 368 हादसे – रात 10 से 12 बजे – 357 हादसे
— हर माह 63 महिलाएं हादसे की शिकार
60 प्रतिशत स्वयं व 40 प्रतिशत दूसरों की गलती से हुए हादसे
– दोपहर 12 से शाम 4 बजे – 368 हादसे – रात 10 से 12 बजे – 357 हादसे
— हर माह 63 महिलाएं हादसे की शिकार
60 प्रतिशत स्वयं व 40 प्रतिशत दूसरों की गलती से हुए हादसे
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हादसों के प्रमुख कारण – बढ़ता यातायात दबाव
– सडक़ के मुकाबले ज्यादा चारपहिया वाहन – अधिकांश ओवरस्पीडिंग के शिकार होते है।
– शाम के समय नशे में भी सर्वाधिक लोग – हाई-वे पर वे गलत ओवरटेकिंग
– हाई-वे पर नियम विरुद्ध गांव की समस्त सडक़ों का मिलन
हादसों के प्रमुख कारण – बढ़ता यातायात दबाव
– सडक़ के मुकाबले ज्यादा चारपहिया वाहन – अधिकांश ओवरस्पीडिंग के शिकार होते है।
– शाम के समय नशे में भी सर्वाधिक लोग – हाई-वे पर वे गलत ओवरटेकिंग
– हाई-वे पर नियम विरुद्ध गांव की समस्त सडक़ों का मिलन
– हाई-वे पर सर्विस लाइन वाहन पार्किंग के काम आ रहे है।
– रोड सेफ्टी ऑडिट नहीं —
हर थानाक्षेत्र में हुई मौते, सर्वाधिक हाईवे से लगते इलाकों में गई जान वर्ष 2022
थाना दुर्घटना मृतक घायल
– रोड सेफ्टी ऑडिट नहीं —
हर थानाक्षेत्र में हुई मौते, सर्वाधिक हाईवे से लगते इलाकों में गई जान वर्ष 2022
थाना दुर्घटना मृतक घायल
प्रतापनगर 97 29 100
हिरणमगरी 92 21 77 सुखेर 90 31 73
गोवर्धनविलास- 86 38 81 ऋषभदेव 59 30 77
डबोक 48 14 45 खेरवाड़ा 47 29 72
परसाद 41 26 30 टीडी 28 12 30
शाम के समय पीक ऑवर होते हैं, उसी समय सडक़ों पर सर्वाधिक वाहन होते हैं। ओवर स्पीडिंग व भीड़भाड़ के कारण शाम के समय हादसे ज्यादा होते हैं। इसे रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट चिह्नित कर कुछ को ठीक भी किया है। अभी चैकिंग के साथ ही लोगों को हेलमेट लगाने आदि के लिए जागरुक भी कर रहे हैं।
हिरणमगरी 92 21 77 सुखेर 90 31 73
गोवर्धनविलास- 86 38 81 ऋषभदेव 59 30 77
डबोक 48 14 45 खेरवाड़ा 47 29 72
परसाद 41 26 30 टीडी 28 12 30
शाम के समय पीक ऑवर होते हैं, उसी समय सडक़ों पर सर्वाधिक वाहन होते हैं। ओवर स्पीडिंग व भीड़भाड़ के कारण शाम के समय हादसे ज्यादा होते हैं। इसे रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट चिह्नित कर कुछ को ठीक भी किया है। अभी चैकिंग के साथ ही लोगों को हेलमेट लगाने आदि के लिए जागरुक भी कर रहे हैं।
पी.एल. बामनिया, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी