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एक साल से इस परिवार के लिए “टॉयलेट बना एक करुण कथा”

locationउदयपुरPublished: Sep 10, 2019 01:23:43 am

पिछले साल बारिश में टूटा घर, अब तक नहीं मिला आसरा, दिहाड़ी मजदूरी करने वाले परिवार की पीड़ा

एक साल से इस परिवार के लिए

एक साल से इस परिवार के लिए

मदनसिंह राणावत. झाड़ोल . आशियाने की आस में हर कोई सपने संजोता है। जिस किसी का कच्चा आशियाना हो और वह भी ढह जाए तो इंसान हताश हो जाता है। और अगर बेहद गरीब, जो दो वक्त की रोटी का इंतजाम ही दिहाड़ी मजदूरी से करे, वह फिर से आशियाना नहीं बना पाए तो…। ऐसा परिवार दम ही तोड़ देगा, लेकिन सरकारी मदद की आस में एक परिवार चार ईंटों से बने शौचालय में सिमट कर रह गया है। इसे जीने की आस कहिए या विधि का विधान। पीडि़त परिवार की कहानी अक्षय कुमार की फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा से कम नहीं।
वाकया झाड़ोल उपखण्ड क्षेत्र की गेजवी ग्राम पंचायत का है। यहां के निवासी करणलाल पुत्र देवा गरासिया का केलुपोश मकान पिछले साल की बरसात में ही ढह गया था। एक साल में भी वह घर की मरम्मत नहीं करा पाया और फिर से बरसात आ गई। देखकर ही हालात सोचने को मजबूर कर देते हैं कि करणमल का परिवार टूटे घर के पास ही बने शौचालय में शरण लिए हुए है। घर का जरुरी सामान शौचालय में रखा है, जबकि परिवार शौचालय के बाहर बने ढालिये में गुजर बसर कर रहा है। छोटी बड़ी जरुरत का सामान हो या राशन सामग्री, सब उसी शौचालय में रखे जाते हैं।
नहीं मिली कोई मदद
पिछले साल बरसात में मकान ढह जाने पर परिवार ने सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और पटवारी से संपर्क कर सरकारी सहायता मांगी, लेकिन एक साल बीत जाने पर भी सहायता नहीं मिली। करणलाल का परिवार एपीएल श्रेणी का है। दो पुत्र और दो-पुत्री है। बड़ा पुत्र शादीशुदा होकर अलग रहता है। छोटा पुत्र रमेश और दो बेटियां पिता के साथ ही रहती है। आवास योजना के लिए आवेदन किया, लेकिन अभी तक लाभ नहीं मिला।
करणलाल का मकान पिछले साल गिर जाने की मुझे जानाकरी नहीं है। प्रधानमंत्री आवास के तहत आवेदन करवा रखा है। स्वीकृति आने पर सहायता पहुंचाई जाएगी।

ललिता देवी, सरपंच, गेजवी

करणलाल नामक व्यक्ति का मकान ढह जाने और सहायता नहीं मिलना, मेरी जानकारी में नहीं है। इस संबंध में तुरंत ही जानकारी जुटाकर पीडि़त परिवार को आपदा राहत कोष से सहायता दिलाने के लिए प्रस्ताव रखेंगे।
नाहर सिंह, पटवारी, गेजवी
मैंने दो दिन पहले ही कार्यभार संभाला है। पीडि़त परिवार की शिकायत इसके बाद नहीं मिली। पहले की शिकायत की जानकारी ली जाएगी। रिपोर्ट तैयार करवाकर आपदा प्रबंधन को भेजा जाएगा। सहायता राशि उपलब्ध करवाने की कार्रवाई करेंगे।
हुकम कुंवर, तहसीलदार, झाड़ोल

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