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आपातकालीन द्वार को किया बंदराजकीय हॉस्टल के आपातकालीन द्वार के लिए छोड़े स्थान के सामने ये दुकान खोली गई है। इससे परिसर का केवल एक ही द्वार रह गया है। ऐसे में यहां केवल एक ही वाहन आ-जा सकता है। यहां रह रहे करीब 300 रेजीडेन्ट व उनके परिवार को आपातकालीन स्थिति में एक मात्र द्वार में यदि कोई वाहन, एम्बुलेंस ले जानी है तो परेशानी हो सकती हैं। यदि कभी इस भवन से जल्दी बाहर निकलने की स्थिति बनी तो बाहर निकलने के लिए अन्य कोई रास्ता नहीं हैं। यहां जरूरत पर कभी एम्बुलेंस, दमकल एवं अन्य वाहनों के लिए मुख्य द्वार का और चौड़ा होना जरूरी है।
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हो सकता है सड़क हादसा
इस भवन से यदि कोई चार पहिया वाहन निकल रहा है और सामने से काेई बड़ा वाहन आ गया तो दुर्घटना की आशंका है। परिसर में बड़ी संख्या में चिकित्सक होने से वाहनों व एम्बुलेंस का आवागमन लगा रहता है। चिकित्सकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि संबंधित भूमि की एवज में दुकान मालिक को अन्यत्र भूमि उपलब्ध करवाकर इस दुकान को हटाया जाए। समय रहते उनकी मांग नहीं सुनने पर चिकित्सकों ने आन्दोलन की चेतावनी दी है।
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इसका कभी कोई केबिन था, अब इसने दुकान खोल दी है, इस व्यक्ति को यूआईटी ने जमीन अलोट की है, नगर निगम से संबंधित ने दुकान शुरू करने की अनुमति भी ले रखी है। प्रयास कर रहे हैं कि जनहित में इसे दूसरी जगह भूमि अलोट कर यहां से खाली करवाई जाए।एचएस बारहठ, आयुक्त, नगर निगम
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नगर निगम ने दे दी स्वीकृति
नगर निगम ने इस दुकान के निर्माण की स्वीकृति दे दी है, जबकि नियमानुसार किसी भी प्रवेश द्वार पर कोई दुकान नहीं खोल सकता है, वहीं यदि दुकान खोल दी तो उसने सेटबेक भी नहीं छोड़ा है। चिकित्सकों में दुर्घटना का भय है। हमारी मांग है कि जल्द ही दुकान यहां से हटाकर तत्काल मालिक को दूसरी जगह भूमि उपलब्ध करवाई जाए।
डॉ. लाखन पोसवाल, प्राचार्य, आरएनटी मेडिकल कॉलेज