scriptvideo: उदयपुर आए सिंगर अभिजीत ने कहा, मैं तो पटाखे चलाऊंगा, जिसे रोकना है रोक ले.. | Abhijeet Bhattacharya Udaipur Nagarnigam Mela | Patrika News

video: उदयपुर आए सिंगर अभिजीत ने कहा, मैं तो पटाखे चलाऊंगा, जिसे रोकना है रोक ले..

locationउदयपुरPublished: Oct 14, 2017 03:42:48 pm

Submitted by:

rajdeep sharma

– उदयपुर नगरनिगम मेले में आयोजित सिंगर नाइट में दी प्रस्तुति

abhijeet bhattacharya
 

उदयपुर . पाश्र्वगायक अभिजीत भट्टाचार्य ने कहा कि हां, मैं हिंदू हूं, देशप्रेमी हूं। अपने मजहब के प्रति हार्ड लाइनर हूं, लेकिन इसका यह मायना कतई नहीं कि मैं दूसरे धर्म को गाली दे रहा हूं । हालांकि नगर निगम के दीपावली मेले की सिंगर नाइट का हिस्सा बने आए पाश्र्वगायक अभिजीत ने शुक्रवार को पत्रकारों से ‘यहां मैं संगीत सुनाने आया हूं आप मुझसे केवल उसी के संदर्भ में बातचीत कीजिएगा। बाकी मेरे बारे में जो कुछ जानना है, गूगल कर लीजिएगा।’ की गाइड-लाइन के साथ बातचीत शुरू की थी, लेकिन कुछ ही देर में अपने असल अंदाज में आ गए और बेबाकी से सवालों के जवाब दिए। उन्होंने पॉलिटिक्स ज्वाइन करने के सवाल पर तपाक से कहा कि मुझे क्या जरूरत है? लोग वैसे ही मुझे जानते हैं, पसंद करते हैं।
जिन पटाखों पर बैन है, वही चलेंगे

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे चलाने पर बैन लगाया है, मैं तो चलाऊंगा। जिसे रोकना है रोक ले। मुझे किसी की परवाह नहीं। कल को सुप्रीम कोर्ट कह देगी सात फेरे बंद करो, चिता मत जलाओ-प्रदूषण फैलेगा तो क्या यह संभव है? असल में यह सब कोर्ट का मसला है ही नहीं। हजारों साल की हिंदुत्व मान्यताओं का सवाल है।

द्विअर्थी गानों के लिए श्रोता जिम्मेदार
उन्होंने कहा कि द्विअर्थी गाने बन रहे हैं क्योंकि लोग पसंद करते हैं। असल में गलती उन लोगों की है, जो सुन रहे हैं। यंू तो दुनिया की सबसे बड़ी पोर्न स्टार भी हिन्दुस्तान में हैं तो क्या जरूरी है कि हम वैसी फिल्में देखें? सुर्खियों में बने रहने के सवाल पर अभिजीत बोले कि लोग मेरी बेबाकी पर एतराज जताते हैं, लेकिन जो जिस अंदाज से पूछेगा, उसे मेरा जवाब भी वैसा ही मिलेगा।
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वाकई खूबसूरत है यह शहर
लेकसिटी की प्रशंसा करते हुए अभिजीत बोले, हां, यह शहर वाकई खूबसूरत है इसीलिए मेरी पत्नी जिद करके साथ आई है। यहां की मेहमान नवाजी और आवभगत कभी-कभार परेशानी का सबब बन जाती है। वैसे ही जैसे स्वादिष्ट दाल-बाटी के बाद पानी पी-पीकर लोग परेशान होते हैं।

कला के नाम पर शून्य हैं रियल्टी शो
अभिजीत रियल्टी शो के पक्षधर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मंच चाहे कोई भी हो, कला की समझ होना बहुत जरूरी है। वर्तमान में कई रियल्टी में कतारें भले ही लगती है लेकिन कला के नाम पर कंगाली ही है। देश में कलाकारों की कमी नहीं है। हां, उनके लिए अलग से कोई एेसा प्लेटफॉर्म होना चाहिए, जहां सच्चे कला साधक ही आएं।
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