एसीबी ने सरपंच व सचिव के अलावा 60 लाभार्थी के विरुद्ध एसीबी की विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज किए थे। एसीबी ने 20 लाभार्थी को गिरफ्तार किया। इनमें से न्यायालय ने सुरेन्द्रसिंह, लक्ष्मणसिंह, किशन ङ्क्षसह, गोपालसिंह, लोगरसिंह, वाला,अनारसिंह, डालचंद, देवीलाल, डालचंद, पृथ्वी उर्फ उदय को एक दिन के रिमांड पर भेज दिया जबकि सरदारसिंह, प्रतापसिंह, भंवरसिंह, रतनसिंह, शंकरसिंह, वीरेन्द्रसिंह, नारायणलाल, लोगरलाल व मोहनलाल न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिया।
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यह था मामला सरपंच व सचिव ने 1989 से जून 1991 तक पद पर रहते हुए करीब 60 व्यक्तियों को ग्राम बडग़ांव के आराजी संख्या 33 की चरागाह भूमि के नि:शुल्क श्रेणी के पट्टे जारी कर दिए जिसमें से कई पट्टों को लाभार्थियों ने अवैध रूप से बेचान कर आर्थिक लाभ प्राप्त किया। शेष पट्टाधारी भूखंड पर काबिज है। जमीन पर पंचायत का कोई अधिकार नहीं होने के बावजूद पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए पट्टे जारी किए गए और इस संबंध में रिकॉर्ड भी पंचायत में उपलब्ध नहीं है जिससे स्पष्ट है कि तत्कालीन सरपंच व सचिव समस्त तथ्यों से परिचित होने के बावजूद मौन रहे जो इनके प्रत्यक्ष षड़्यंत्र का प्रमाण है। यदि उक्त भूमि को विधिक प्रक्रिया से नीलाम किया जाता तो राज्य सरकार को लाखों की आय प्राप्त होती। मामले में एक ही परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पट्टे जारी किए गए जिनमें से कई अवैध लाभार्थी तत्समय नाबालिग थे।
यह था मामला सरपंच व सचिव ने 1989 से जून 1991 तक पद पर रहते हुए करीब 60 व्यक्तियों को ग्राम बडग़ांव के आराजी संख्या 33 की चरागाह भूमि के नि:शुल्क श्रेणी के पट्टे जारी कर दिए जिसमें से कई पट्टों को लाभार्थियों ने अवैध रूप से बेचान कर आर्थिक लाभ प्राप्त किया। शेष पट्टाधारी भूखंड पर काबिज है। जमीन पर पंचायत का कोई अधिकार नहीं होने के बावजूद पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए पट्टे जारी किए गए और इस संबंध में रिकॉर्ड भी पंचायत में उपलब्ध नहीं है जिससे स्पष्ट है कि तत्कालीन सरपंच व सचिव समस्त तथ्यों से परिचित होने के बावजूद मौन रहे जो इनके प्रत्यक्ष षड़्यंत्र का प्रमाण है। यदि उक्त भूमि को विधिक प्रक्रिया से नीलाम किया जाता तो राज्य सरकार को लाखों की आय प्राप्त होती। मामले में एक ही परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पट्टे जारी किए गए जिनमें से कई अवैध लाभार्थी तत्समय नाबालिग थे।