कार की डिक्की में प्लास्टिक कवर के पीछे छिपा रखी थी एसओजी ने कार में पकड़ी 5.65 किग्रा अफीम, तस्कर गिरफ्तार उदयपुर. स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की उदयपुर यूनिट ने मंगलवार सुबह उदयपुर-चित्तौडगढ़़ हाइवे पर देबारी के निकट नाकाबंदी के दौरान एक कार से 5 किलो 650 ग्राम अफीम बरामद कर तस्कर को गिरफ्तार किया। आरोपी तस्कर 85000 प्रति किलो के हिसाब से यह अफीम मंदसौर से खरीदकर लाया था, जिसे वह सांचौर सप्लाई करने ले जा रहा था। एसओजी के पुलिस अधीक्षक मामनसिंह ने बताया कि एसओजी उदयपुर यूनिट के सीआई अब्दुल रहमान को मुखबिर से सूचना मिली कि मध्यप्रदेश नम्बर की एक कार में हथियार है। आरोपी एमपी से निम्बाहेड़ा होता हुआ उदयपुर की तरफ आ रहा है। सूचना पर सीआई मय टीम ने देबारी के निकट हाइवे पर नाकाबंदी की। सुबह करीब 8.30 बजे मध्यप्रदेश से कार आते हुए दिखाई दी। टीम ने इशारा कर कार को रुकवाया। तलाशी ली तो डिक्की में स्टेपनी मिली लेकिन उसके गेट के अंदर लगे प्लास्टिक के कवर के ऊंचा होने पर शक हुआ। टीम ने कवर के नट बोल्ट खोलकर देखा तो उसमें खांचों में छह अफीम की थैलियां मिलीं। टीम ने थैलियां बरामद कर मंदसौर निवासी दशरथ ङ्क्षसह पुत्र दूल्हेङ्क्षसह को गिरफ्तार किया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह अफीम नाहरगढ़, मंदसौर से पांच लाख में खरीदकर लाया था तथा उसे सांचौर ले जा रहा था।
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सैलून चलाने वाले सहित दो गिरफ्तार, एटीएस ने पकड़े 1.20 लाख के नकली नोट
सैलून चलाने वाले सहित दो गिरफ्तार, एटीएस ने पकड़े 1.20 लाख के नकली नोट
उदयपुर/चित्तौडगढ़़. एटीएस उदयपुर की टीम ने नकली नोटों के मामले में मंगलवार शाम बड़ी कार्रवाई करते हुए एक लाख 20 हजार 500 रुपए के नकली नोट बरामद कर सैलून चलाने वाले युवक व उसके रिश्तेदार को गिरफ्तार किया। आरोपी इन नोटों को चलाने के लिए एमपी के नीमच जा रहे थे।
एटीएस की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजना सुखवाल को सूचना मिली कि चित्तौडगढ़़ में कुछ लोग नकली नोटों के अवैध कारोबार से जुड़े हैं। वे बाइक से नकली नोट लेकर नीमच की तरफ जा रहे हैं। सूचना पर एसओजी के हेडकांस्टेबल मोजेन्द्र सिंह, कांस्टेबल तेजेन्द्र सिंह व दुर्गा सिंह चित्तौडगढ़़ हाइवे पर खड़े होकर बाइक का इंतजार करने लगे। दोपहर को उन्हें बाइक पर दो युवक जाते दिखाई दिए तो उन्होंने पीछा कर ओछड़ी टोल नाके के पास उन्हें रोक लिया। तलाशी में आरोपियों की पेंट की जेब से अंदर की तरफ एक थैली मिली। तलाशी लेने पर उसमें 500-500 के नकली नोट रखे थे। गिनती करने पर 1 लाख 20 हजार 500 रूपए निकले। टीम ने नोट जब्त कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
एटीएस की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजना सुखवाल को सूचना मिली कि चित्तौडगढ़़ में कुछ लोग नकली नोटों के अवैध कारोबार से जुड़े हैं। वे बाइक से नकली नोट लेकर नीमच की तरफ जा रहे हैं। सूचना पर एसओजी के हेडकांस्टेबल मोजेन्द्र सिंह, कांस्टेबल तेजेन्द्र सिंह व दुर्गा सिंह चित्तौडगढ़़ हाइवे पर खड़े होकर बाइक का इंतजार करने लगे। दोपहर को उन्हें बाइक पर दो युवक जाते दिखाई दिए तो उन्होंने पीछा कर ओछड़ी टोल नाके के पास उन्हें रोक लिया। तलाशी में आरोपियों की पेंट की जेब से अंदर की तरफ एक थैली मिली। तलाशी लेने पर उसमें 500-500 के नकली नोट रखे थे। गिनती करने पर 1 लाख 20 हजार 500 रूपए निकले। टीम ने नोट जब्त कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
स्कैन किए हुए थे नोट
एएसपी सुखवाल ने बताया कि पांच-पांच सौ के 241 नकली नोट स्केन किए हुए थे। अधिकांश नोटों के सीरिज नम्बर भी एक जैसे है। नकली नोट संबंधी मामलों की जांच को लेकर चंदेरिया थाने को नोडल थाना बनाया हुआ है। ऐसे में एटीएस की टीम दोनों आरोपियों को लेकर चंदेरिया थाने पहुंची, जहां दोनों आरोपियों को चंदेरिया थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया। दोनों आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर इनके नेटवर्क का पता लगाने के प्रयास कर रही है।
एएसपी सुखवाल ने बताया कि पांच-पांच सौ के 241 नकली नोट स्केन किए हुए थे। अधिकांश नोटों के सीरिज नम्बर भी एक जैसे है। नकली नोट संबंधी मामलों की जांच को लेकर चंदेरिया थाने को नोडल थाना बनाया हुआ है। ऐसे में एटीएस की टीम दोनों आरोपियों को लेकर चंदेरिया थाने पहुंची, जहां दोनों आरोपियों को चंदेरिया थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया। दोनों आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर इनके नेटवर्क का पता लगाने के प्रयास कर रही है।
गांवों में नकली नोटों का जाल
पकड़े गए युवकों ने पुलिस को बताया कि वे गांवों में नकली नोट एक-एक करके चला देते हैं। आरोपी सत्तू सेन ने पुलिस को बताया कि उन्हें यह नकली नोट पीपलिया कलां निवासी हीरालाल ने दिए थे। पुलिस अब हीरालाल की तलाश कर रही है।
पकड़े गए युवकों ने पुलिस को बताया कि वे गांवों में नकली नोट एक-एक करके चला देते हैं। आरोपी सत्तू सेन ने पुलिस को बताया कि उन्हें यह नकली नोट पीपलिया कलां निवासी हीरालाल ने दिए थे। पुलिस अब हीरालाल की तलाश कर रही है।
बीस हजार की रिश्वत लेते पकड़े गए खमनोर थाना प्रभारी का मामला कांस्टेबल से थानेदार तक राजसमंद में ही जमा रहा आरोपी महेश राजसमंद. रिश्वत लेते पकड़ा खमनोर थाना प्रभारी महेशचंद्र मीणा वर्ष 1995 में कांस्टेबल के पद पर राजसमंद में ज्वाइन किया। 24 वर्ष की नौकरी में हैड कांस्टेबल, सहायक उप निरीक्षक एवं उप निरीक्षक तक की पदोन्नति और नौकरी राजसमंद जिले में ही रही। थाना प्रभारी के रूप में खमनोर थाने की चौथी पोस्टिंग है।
जानकारी के अनुसार 1995 से कांस्टेबल पर ज्वाइन करने के बाद राजसमंद जिले के विभिन्न थानों में रहा। फिर हैड कांस्टेबल बनने के बाद यातायात पुलिस में पोस्टिंग रही। फिर पदोन्नति के बाद एएसआई के रूप में राजनगर थाना व आमेट थाने में ज्यादातर कार्यरत रहा। इस दौरान भी ज्यादातर लावासरदारगढ़ चौकी प्रभारी के रूप में कार्य किया। उसके बाद वर्ष 2015 में उप निरीक्षक पद पर पदोन्नति होने के बाद पहली बार खमनोर थाना प्रभारी पर ज्वाइन किया। कुछ माह बाद देवगढ़ थाना प्रभारी लगाया गया, जहां से आमेट थाना प्रभारी बनाया गया। कुछ माह बाद जनवरी 2018 में वापस खमनोर थाना प्रभारी पर ज्वाइन किया, जहां कार्यरत है। यह मूलत: दौसा जिले का लोटवाड़ा, मानपुर निवासी है।
जानकारी के अनुसार 1995 से कांस्टेबल पर ज्वाइन करने के बाद राजसमंद जिले के विभिन्न थानों में रहा। फिर हैड कांस्टेबल बनने के बाद यातायात पुलिस में पोस्टिंग रही। फिर पदोन्नति के बाद एएसआई के रूप में राजनगर थाना व आमेट थाने में ज्यादातर कार्यरत रहा। इस दौरान भी ज्यादातर लावासरदारगढ़ चौकी प्रभारी के रूप में कार्य किया। उसके बाद वर्ष 2015 में उप निरीक्षक पद पर पदोन्नति होने के बाद पहली बार खमनोर थाना प्रभारी पर ज्वाइन किया। कुछ माह बाद देवगढ़ थाना प्रभारी लगाया गया, जहां से आमेट थाना प्रभारी बनाया गया। कुछ माह बाद जनवरी 2018 में वापस खमनोर थाना प्रभारी पर ज्वाइन किया, जहां कार्यरत है। यह मूलत: दौसा जिले का लोटवाड़ा, मानपुर निवासी है।