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लाखों रुपए के दुरुपयोग की शिकायतों की आखिर ली सुध, मुख्यालय के आदेश पर एसीबी ने किया परिवाद दर्ज

locationउदयपुरPublished: Nov 20, 2018 04:36:41 pm

Submitted by:

madhulika singh

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Tehsildar registers complaint in ACB in bhiwara

Tehsildar registers complaint in ACB in bhiwara

डॉ. सुशीलसिंह चौहान/उदयपुर . बीकानेर स्थित राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (राजूवास) से संबद्ध नवानिया स्थित पशु चिकित्सा एवं पशु महाविद्यालय में गिर केटल ब्रिडिंग फार्म प्रोजेक्ट में लाखों रुपए के दुरुपयोग की शिकायतों की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सुध ली। जयपुर मुख्यालय के आदेश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उदयपुर ने महाविद्यालय में संचालित केंद्र सरकार के गिर केटल ब्रिडिंग फार्म में हुई अनियमितताओं को लेकर परिवाद दर्ज कर लिया है। अब इस पूरे प्रोजेक्ट से जुड़े सभी तथ्यों की बारीकी से जांच की जाएगी। बाद में एसीबी की ओर से मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
महाविद्यालयों में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के बजट के तहत शुरू हुआ गिर प्रोजेक्ट 5 वर्ष में पूरा होना था। प्रोजेक्ट में पहले वर्ष 100 और अगले वर्ष गिर नस्ल की 200 गाय खरीदी जानी थी, लेकिन जिम्मेदारों ने 6 साल की अवधि में केवल 100 गाय ही खरीदी और 200 गायों के नाम पर गायों के भरण-पोषण का बिल उठाते रहे। प्रोजेक्ट में गायों का वजन तोलने के लिए एक लाख लागत की बजाय 8 लाख लागत का ट्रक तोलने वाला कांटा लगाया गया। पांच साल के प्रोजेक्ट में सातवें वर्ष का अतिरिक्त बजट मांगा गया, लेकिन आज तक भी प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर नहीं हो सका।
पत्रिका ने खोली थी सिलसिलेवार पोल
गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने गिर प्रोजेक्ट में हुई गड़बडिय़ों को लेकर 20 फरवरी को ‘आत्म निर्भर नहीं प्रोजेक्ट, गिर गायों पर संकट’ 21 को ‘फिडिंग प्लांट पर बर्बाद किए लाखों रुपए’, 22 फरवरी को ‘सात वर्ष में मात्र एक फीसदी से भी कम उपलब्धि’, 23 को ‘खरीदी 100, उठाते रहे 200 गायों का खर्चा’, 24 को ‘किसका भला? पशुओं का या खुद का’, 25 फरवरी को ‘हमसे सीखा ब्राजील, खुद ने बिसराया’ जैसी खबरों के माध्यम से पूरे गड़बड़झाले का खुलासा किया था।
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क्लीनचिट पर सवाल

खास बात यह है कि पूरे मामले की राज्यपाल स्तर पर हुई शिकायत के बाद विवि प्रशासन ने औपचारिकता पूरी करने के लिए जांच दल बनाया था, जिसने बिना तथ्यों को जांचे विवि प्रशासन को जांच रिपोर्ट सौंपकर क्लीनचिट दे दी थी। इसके बाद विवि प्रशासन ने पूरे मामले को दबा दिया था।
दर्ज किया परिवाद

मुख्यालय के आदेश पर परिवाद दर्ज किया है। अब इस पूरे मामले की जांच की जाएगी।
हरीशचंद्रसिंह, सीआई, एसीबी उदयपुर

हम करेंगे सहयोग

किसी मामले में एसीबी ने परिवाद दर्ज किया है तो हमारे स्तर पर उनकी जांच में पूरा सहयोग दिया जाएगा।
डॉ. आर.के. धूरिया, डीन, पशु चिकित्सा महाविद्यालय
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