scriptलिपिक ग्रेड-द्वितीय भर्ती प्रक्रिया-2018 में आरोपों से घिरे कुलपति पर एसीबी ने कसा श‍िकंजा | ACB Inquiry of the vice Chancellor and Committee Member | Patrika News

लिपिक ग्रेड-द्वितीय भर्ती प्रक्रिया-2018 में आरोपों से घिरे कुलपति पर एसीबी ने कसा श‍िकंजा

locationउदयपुरPublished: Nov 07, 2019 03:23:05 pm

Submitted by:

madhulika singh

लिपिक भर्ती प्रक्रिया-2018 में धांधली का मामला, सुविवि कुलपति और कमेटी मेम्बर से की पूछताछ, तत्कालीन रजिस्ट्रार भाटी की शिकायत पर 3 माह बाद एसीबी एक्शन में

उदयपुर. मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में लिपिक ग्रेड-द्वितीय भर्ती प्रक्रिया-2018 में अभ्यर्थी नवीन मिश्रा के 75 में से 75 अंक लाने के मामले में धांधली के आरोपों से घिरे कुलपति प्रो. जेपी शर्मा पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मंगलवार को एसीबी के अधिकारियों ने कुलपति प्रो. शर्मा व भर्ती प्रक्रिया से जुड़े कमेटी सदस्यों से पूछताछ करते हुए बयान दर्ज किए, वहीं बुधवार को प्रक्रिया से जुड़े जरूरी दस्तावेज हासिल किए।
गौरतलब है कि भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायतों पर विभागीय जांच के आधार पर तत्कालीन राज्यपाल कल्याणसिंह ने कुछ माह पूर्व प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया था, लेकिन अब एसीबी ने इस मामले में जांच तेज कर दी है।

इनसे की अलग-अलग पूछताछ..

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो महानिदेशक जयपुर के निर्देश पर स्थानीय एसीबी अधिकारियों ने मंगलवार को सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रो. जेपी शर्मा, डिप्टी रजिस्ट्रार मुकेश बारबार, भर्ती प्रक्रिया में कमेटी सदस्य के तौर पर शामिल प्रो. बीएल आहुजा, प्रो. जी सोरल, प्रो. एमके जैन, प्रो. संजय लोढ़ा व अन्य से पूछताछ कर बयान दर्ज किए। इन सभी से एसीबी ने अलग अलग पूछताछ की।

यह है पूरा मामला

तत्कालीन रजिस्ट्रार हिम्मतङ्क्षसह भाटी ने 25 जुलाई, 2019 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो महानिदेशक को विश्वविद्यालय में 15 पदों पर हुई लिपिक ग्रेड-द्वितीय भर्ती प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी की शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी। 9 बिन्दुओं की इस शिकायत में आरोप लगाए गए थे कि लिखित परीक्षा 4 फरवरी, 2018 को हुई। पारदर्शिता के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई। परीक्षा के गापनीय कार्य, जिसमें प्रश्नपत्र, उत्तर कुंजी, पेपर बनवाना, उसकी प्रिंटिंग का कार्य कुलपति शर्मा के स्तर पर करवाया गया। 18 प्रश्न तकनीकी रूप से गलत थे, जिनके बोनस अंक दिए गए। बाद में दूसरे चरण के दौरान अभ्यर्थी नीवन मिश्रा को 75 में से 75 अंक मिले। इसमें ओएमआर और मूल उत्तर कुंजी एक समान थी, जिस पर संशय हुआ। मिश्रा, कुलपति का रिश्तेदार बताया जाता है। इसके लिए कमेटी बनी, जिसने बाहरी संस्था से जांच करवाना उचित समझा। इसके बाद डिप्टी रजिस्ट्रार ने प्रतापनगर थाने में रिपोर्ट दी लेकिन कुलपति ने आवश्यक दस्तावेज गोपनीय बता पुलिस को उपलब्ध नहीं करवाए। पुलिस अधीक्षक कैलाश विश्नोई ने इसे गंभीरता से लेते हुए 23 अप्रेल व 8 जून, 2019 को एसीबी को पत्र लिखा। इसमें कुलपति पर पद के दुरुपयोग के आरोप लगे हैैं।

इनका कहना है..

सुविवि में लिपिक भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता से जुड़ा परिवाद जिला पुलिस अधीक्षक से एसीबी के पास आया है। इसकी जांच के लिए जरूरी दस्तावेज हासिल कर लिए है। अनुसंधान कर रहे हैं।
हिंगलाजदान, डीआईजी, एसीबी, उदयपुर
एसीबी ने पूछताछ की है। भर्ती प्रक्रिया को पूर्व में ही निरस्त किया जा चुका है। आरोप बेबुनियाद है। किसी भी भर्ती प्रक्रिया में पेपर सेटिंग, प्रिंटिंग और दूसरा कार्य कई लोगों की ओर से निष्पादित किया जाता है। कोई एक नहीं कर सकता। शिकायत द्वेषतापूर्ण की गई है।
प्रो. जेपी शर्मा, कुलपति, सुविवि

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो