एसोसिएशन के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष कमलेश पारिक ने बताया कि गत वर्ष सरकार स्तर पर कनिष्ठ लेखाकार की ग्रेड पे 4200 रुपए करने, टू टीयर पदीय प्रणाली लागू करने, कनिष्ठ लेखाधिकारी पदनाम की मांगों पर सहमत होने के बावजूद अब तक आदेश जारी नहीं होने से लेखाकर्मियों में आक्रोश है। दूसरी ओर छह सूत्रीय मांगों में से शेष तीन मांगों यथा पदोन्नति में अनुभव की शिथिलता, पदोन्नति में 50 प्रतिशत कोटा के बारे में भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके विरोध में बुधवार को भी लेखाकर्मियों के सामूहिक अवकाश पर रहने से कोषालय व अन्य कार्यालयों में लेखा कार्य को पूर्णतया ठप रहा और करोड़ों रुपए का भुगतान व बजट कार्य बाधित हुआ।
उन्होंने बताया कि 25 सितम्बर को लिए गए सामूहिक अवकाश पर कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के दमनकारी निर्देशों से लेखाकर्मियों में आक्रोश और बढ़ गया। ऐसे में शेष लेखाकर्मी भी 26 से 28 सितम्बर तक का सामूहिक अवकाश लेकर प्रदर्शन पर उतर गए है जिससे सितम्बर का वेतन, विभिन्न परियोजनाओं के भुगतान व अन्य समस्त भुगतान का कार्य पूर्णतया बाधित रहेंगे।
उल्लेेखनीय है कि 24 सितम्बर को लेखाकर्मियों ने पेन डाउन हड़ताल के बाद दो दिन जिले के समस्त कार्यालयों में लेखा कार्य पूर्णतया ठप रखा है। गुरुवार को भी लेखाकर्मी सामूहिक अवकाश पर रहकर कार्य का बहिष्कार व कोषालय के बाहर प्रदर्शन जारी रखेंगे। 11 बजे से रैली निकालने के बाद सदबुद्धि प्रार्थना की जाएगी जिसमें समस्त ब्लॉक से लेखाकर्मी हिस्सा लेंगेे। यह आंदोलन लम्बित मांगों के पूर्ण होने तक जारी रहेगा। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि 28 तक सामूहिक अवकाश व प्रदर्शनों के बावजूद मांगों पर सरकार ने सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो जयपुर में प्रदेशभर से समस्त लेखाकर्मी महापड़ाव डालेंगे।
रैली का नेतृत्व जिला मंत्री चेतन संचेती ने किया जिसमें उपाध्यक्ष कमलेश पारिक, महावीर शेखावत, विनोद पालसिंह, मनोहर टेलर, पुरुषोत्तम दाधिच, राजेश खण्डेलवाल, प्रमोद कुमार, विवेक कालासुआ, संजय पहाडिया, अमीनुद्दीन गौरी, भीम वर्मा, विरेन्द्र चौबीसा, राजकुमार गहलोत, अंकित चौधरी, अरुण चौबीसा, लोकेश कुमार सहित कई वरिष्ठ लेखाकर्मी मौजूद रहे।