प्रभारी चिकित्सक ने बीसीएमओ पर आरोप लगाया है कि उन्होंने वेतन जारी करने के लिए संबंधित चिकित्सक से पैसे की मांग की। उन्होंने ही वेतन जारी किया और जब पैसे नहीं मिले तो चिकित्सक के मेडिकल लीव एवं अन्य दस्तावेज कार्यालय से गायब करवा दिए। ढेलाणा सीएचसी पर कार्यरत चिकित्सक डॉ संदीप भटनागर कुछ माह से अवकाश पर चल रहे हैं। विभागीय पत्र के अनुसार वे बगैर अवकाश स्वीकृति के अनुपस्थित हैं और उन्होंने त्यागपत्र दे रखा है। दूसरी ओर भटनागर का कहना है कि वह मेडिकल अवकाश पर थे, जिससे जुड़े सभी दस्तावेज उन्होंने बीसीएमओ कार्यालय में जमा करवा रखे हैं। इधर, सीएचसी के प्रभारी चिकित्सक डॉ यशपाल भगोरा को बीसीएमओ डॉ नागेन्द्रसिंह राजावत ने नोटिस देकर दो दिन में जवाब मांगा है।
यह है नोटिस
बीसीएमओ ने नोटिस में लिखा कि उन्होंने निरीक्षण में पाया कि डॉ संदीप भटनागर लम्बे समय से बिना अवकाश स्वीकृति के अनुपस्थित हैं। उपस्थिति पंजिका में भटनागर द्वारा त्यागपत्र देने का विवरण है। भटनागर 1 दिसम्बर 18 से बिना सूचना के अनुपस्थित हैं। डॉ भटनागर को कारण बताओ जारी किया गया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। एसडीएम के 13 दिसम्बर 2018 को निरीक्षण में भी भटनागर अनुपस्थित मिले। बिना अवकाश स्वीकृति अवकाश पर गए भटनागर को दिसम्बर 18, जनवरी से अप्रेल 19 तक पांच माह के वेतन का अनियमित भुगतान किया गया। लेखों के अनुसार 25 मार्च 16 से 31 दिसम्बर 18 तक 825 दिन का उपार्जित अवकाश व 25 दिसम्बर 16 से 24 मार्च 19 तक 60 अद्र्धवैतनिक अवकाश बैलेंस में है, जबकि भटनागर की अनुपस्थिति अवधि अवकाश लेखों में शेष अवकाश से कई अधिक है। बैलेंस अवकाश की जांच किए बगैर चार माह का वेतन एक साथ बना देने से यह स्पष्ट है कि उन्होंने इरादतन पद का दुरुपयोग किया है। पूछताछ में सामने आया कि लेखाधिकारी ने बगैर अवकाश स्वीकृति के वेतन बिल पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था। बिना लेखाकर्मी जांच बिल पारित करना गंभीर अनियमितता है। नोटिस में यह भी लिखा है कि व्यक्तिगत उपस्थित होकर जवाब दे अन्यथा गबन, वित्तीय अनियमितता की कार्रवाई की जाएगी।
सहायक लेखा अधिकारी (एएओ) ने जो ऑडिट पेरा बनाया है, नोटिस उसी आधार पर जारी किया गया है। मैंने वेतन जारी नहीं किया, जब वेतन जारी हुआ था तो मैं यहां नहीं था। एसडीएम के निरीक्षण में डॉ भटनागर अनुपस्थित बताए गए थे। वेतन जारी होना गलत है। – डॉ नागेन्द्रसिंह राजावत, बीसीएमओ ऋषभदेव
डॉ राजावत को भ्रष्टाचार मामले में कलक्टर ने पहले एपीओ किया था। इस मामले में उन्होंने डॉ भटनागर से पैसे मांगे थे। पैसे नहीं दिए तो उन्होंने दस्तावेज ऑफिस से गायब करवा दिए। वे कोर्ट के माध्यम से वापस ड्यूटी पर आए हैं। उनके खिलाफ जांच चल रही है। जबरन परेशान एवं बदनाम करने का काम किया जा रहा है। – डॉ यशपाल भगोरा, प्रभारी चिकित्सक सीएचसी ढेलाणा
यह पूरी तरह से गलत है। मैं तो मेडिकल लीव पर था। 2015 की ज्वाइनिंग है। मैं बीमार था। मैं बीच-बीच में ड्यूटी पर गया हूं। बीसीएमओ ऋषभदेव ऑफिस में मैंने सभी कागज जमा करवा रखे हैं। पीठ दर्द की शिकायत है जिसका प्रार्थना पत्र भी दिया था। मेरे नाम पर अभी तक कोई नोटिस जारी नहीं है। मेरा वेतन पांच या छह माह से नहीं बना था, इसलिए मैंने सभी दस्तावेज दिए थे। मुझसे किसी ने वेतन के लिए पैसे नहीं मांगे। मैंने त्यागपत्र दे रखा है। – डॉ संदीप भटनागर, ढेलाणा सीएचसी